Samachar Nama
×

पृथ्वी का निरंतर बढ़ता हुआ तापमान, बजा रहा है खतरे की घंटी

जयपुर। आज विज्ञान के दौरान धरती को कई तरह से कष्ट झेलने पड़ रहे है। इसके कारण से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हद के पार जा रही है। इंसान प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन कर रहा है। इसी के साथ कुदरती नियमों के साथ छेड़छाड़ कर प्रकृति का संतुलन बिगाड़ रहा है। जिसके कारण पृथ्वी
पृथ्वी का निरंतर बढ़ता हुआ तापमान, बजा रहा है खतरे की घंटी

जयपुर। आज विज्ञान के दौरान धरती को कई तरह से कष्ट झेलने पड़ रहे है। इसके कारण से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हद के पार जा रही है। इंसान प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन कर रहा है। इसी के साथ कुदरती नियमों के साथ छेड़छाड़ कर प्रकृति का संतुलन बिगाड़ रहा है। जिसके कारण पृथ्वी पर तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी विषय हेतु नासा द्वारा किये गये एक शोद के मुताबिक बीता साल 2017 धरती पर अब तक का सबसे गर्म साल साबित हुआ हैपृथ्वी का निरंतर बढ़ता हुआ तापमान, बजा रहा है खतरे की घंटी

इससे आप अंदाजा लगा सकते हो कि धरती किस तरह से बर्बाद हो रही है। नासा ने ब्रिटिश मौसम विभाग के साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान शोध किया है जिससे ज्ञात हुआ है कि कुछ ही सालों में पृथ्वी गर्मी से बुरी तरह झुलसने लगेगी। इसी के साथ आपको जानकारी दे दे कि ये आंकड़ें वर्ष 2017 में उत्पन्न हुये जलवायु परिवर्तन अल नीनो से ज़रा भी प्रभावित नहीं हैं। लेकिन फिर भी इंसानी गतिविधियां धरती की सेहत को दिन प्रतिदिन और भी ज्यादा खराब करती ही जा रही हैं और इसी तरह से जलवायु अपना जवला दिखाती जा रही है।पृथ्वी का निरंतर बढ़ता हुआ तापमान, बजा रहा है खतरे की घंटी

लोगों को वैसे तो कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है लेकिन कई जगहो पर ये अपना जवला बिखेर रही है जिससे की लोगो इसके बारे में संकेत मिल जाये और वो इसके लिए तैयार होजाये। लेकिन लोग अभी भी इसके लिए तैयार नहीं हुए है। शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है कि अल नीनो महासागरों की गर्म धाराओं का प्रवाह अंटार्कटिका की तरफ करता ही जा रहा है तो इस कारण से अंटार्कटिका पर बर्फ़ धीरे-धीरे पिघलती जा रही है।पृथ्वी का निरंतर बढ़ता हुआ तापमान, बजा रहा है खतरे की घंटी

Share this story