Samachar Nama
×

यदि मनुष्य के हाथ में हो प्रभुशक्ति तो वह जीता मनचाहा जीवन, जानिऐ

इंसान का यह जीवन या तो भगवान के हाथ में है या प्रकृति के हाथ में। इन सब के आगे इंसान अपनी मनमानी नही कर सकता है। इस सृष्टि ने किसी भी जीव के साथ चाहे वो इंसान या कोई ओर किसी के साथ में अन्याय नहीं किया है। प्रभु की इच्छा के अनुसार जीवन
यदि मनुष्य के हाथ में हो प्रभुशक्ति तो वह जीता मनचाहा जीवन, जानिऐ

इंसान का यह जीवन या तो भगवान के हाथ में है या प्रकृति के हाथ में। इन सब के आगे इंसान अपनी मनमानी नही कर सकता है। इस सृष्टि ने किसी भी जीव के साथ चाहे वो इंसान या कोई ओर किसी के साथ में अन्याय नहीं किया है। प्रभु की इच्छा के अनुसार जीवन ही जिया जा सकता है। इस संसार में संपूर्ण जीव जाति अपने कर्मों के अनुसार ही जन्म लेती है। लेकिन उसके बाद भी इंसान भूल जाता है कि उसे जो कुछ भी मिला है वह प्रभुकृपा से मिल पाया है। बताया गया है कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में अगर सफलता लेनी है तो कार्य के प्रति ईमानदारी दिखाए और दूसरा प्रभुकृपा लेकिन जीवन में जो व्यक्ति संघर्ष करता है उसके उपर ही प्रभुकृपा होती है।

अक्सर देखा गया है कि किसी भी क्षेत्र में असंख्य लोग पैसा, मेहनत तथा अपनी पूरी ताकत सीट प्राप्त करने के लिए लगा देते है परन्तु पद उसे ही प्राप्त होता जिसे प्रभुकृपा का प्रसाद कवच के रूप  में प्राप्त होता है। प्रभु के बिना जीवन जीना व्यर्थ है। यदि मनुष्य के हाथ में ये सब होता तो वह मनचाहा जीवन जीने की इच्छा रखता। हर गलत कार्य में अपनी मनमानी करता तथा अपने आप को भगवान के बराबर मानता। जीवन का हर अवसर प्रभु द्वारा उसकी उत्तम बुद्विमत्ता, शक्ति, विवेक, पौरूष व उसकी मौलिकता की परीक्षा के लिए दिया जाता है। इसलिए प्रभु जैसा चाहेंगे वो वैसा ही जीवन जियेगा।

यह भी पढें :- अगर मनोकामना पूरी करनी है तो करना होगा इस वृक्ष के दर्शन

Share this story