एंजाइटी को है बदलने की जरूरत बन सकती है डिप्रेशन और अटेक का कारण
जयपुर । आम तौर पर हम सभी में कहीं न कहीं किसी न किसी चीज़ को लेकर डर होता है । पर कई लोगों के अंदर यह एंजाइटी के रूप में विकसित हो जाती है । एंजाइटी में लोगों को किसी हालात और किसी भी वस्तु को लेकर डर इतना बैठ जाता है की वह उसके नाम से भी घबराने लगते हैं । ऐसे में उनको जब यह स्थिति बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है तो और भी कई सारी परेशानियाँ उभर आती है ।
एंजाइटी कुछ लोगों को पब्लिक के बीच में बोलने को लेकर ऐंग्जाइटी यानी टेंशन हो जाती है तो बच्चों को परीक्षा को लेकर ऐंग्जाइटी हो जाती है। आज कल युवाओं में एंजाइटी को लेकर मामले बहुत ही ज्यादा बढ़ रहे हैं । ऐसे में इस बात को गंभीरता से लेना बहुत ज्यादा जरूरी है ।
एंजाइटी को इग्नोर किया जाए तो यह एंजाइटी अटैक का रूप ले सकता है। यह वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। यह पैनिक अटैक से एकदम अलग होता है। पैनिक अटैक के लक्षण एंजाइटी अटैक की तुलना में ज्यादा घातक होते हैं।
इसके अटैक में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर और बेचैनी महसूस होती है। दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। इसलिए एंजाइटी को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।इतना ही नहीं ऐसे लोग जो एंजाइटी का शिकार हों उनको कभी भी अकेला नहीं छोड़ें।