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जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा

जयपुर।आज हम आपको बताएंगे उन 5 खिलाड़ियोें के बारे में जिनको रन बनाने की मशीन माना जाता है। भारतीय क्रिकेट टीम को अब तक कई सलामी बल्लेबाज मिले हैैं। सुनील गावस्कर से लेकर गौतम गंभीर तक भारत को कई ऐसे विस्फोटक ओपनर्स मिले हैं, जिन्होने अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है। और कई बार टीम
जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा

जयपुर।आज हम आपको बताएंगे उन 5 खिलाड़ियोें के बारे में जिनको रन बनाने की मशीन माना जाता है। भारतीय क्रिकेट टीम को अब तक कई सलामी बल्लेबाज मिले हैैं। सुनील गावस्कर से लेकर गौतम गंभीर तक भारत को कई ऐसे विस्फोटक ओपनर्स मिले हैं, जिन्होने अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है। और कई बार टीम को जीत दिलाने में अपना योगदानदिया है।क्रिकेट मेें भारत का विश्वभर में दबदबा कायम रहा है।

ओपनर बल्लेबाज अपनी टीम को एक मजबूत शुरुआत तो देता ही है, पर दूसरी टीम को एक मुश्किल लक्ष्य देेने में भी अपना योगदान देकरटीम की सहायता करता है। हम आपको ऐसे पांच भारतीय विस्फोटक बल्लेबाजों के बारे में बताऐेंगे जिन्होने विश्वभर में सबसे बेहतरीन ओपनर्स की उपाधि पाई् है।आईए जानते हैं इन प्रमुख 5 भारतीय ओपनिंग बल्लेबाजों के बारे मेें ।

5— रोहित शर्माजब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा
रोहित शर्मा ने अपने बल्लेबाजी की शुरुआत एक मिडिल आर्डर बल्लेबाज के रुप मेें की थी । एक मि​डिल आर्डर बल्लेबाज से शानदार ओपनिंग बल्लेबाज बनने तक के सफर में पूर्व भारतीय कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी का हाथ माना जाता है। क्योंकि धोनी ने ही रोहित पर भरोसा दिखाकर उन्हें ओपनिंग करने के लिए मौका दिया इसलिए रोहित शर्मा को महेन्द्र सिंह धोनी का शुक्रिया अदा करना चाहिए ।

मध्यम क्रम में बल्लेबाजी करते समय रोहित की औसत 30 के करीब रही, बाद में 42 हुई, और ओपनिंग बल्लेबाजी में उनकी औसत 50 पर पहुंच गई है, जो बहुत ही सर्वश्रेष्ठ है ।अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी और उम्दा बैटिंग स्टाइल के दम पर उन्होंने न सिर्फ कई रिकॉर्ड्स तोड़े बल्कि विश्वभर में सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग बल्लेबाजों की लिस्ट में अपने लिए मुकाम हासिल करने में कामयाब भी हुए है।29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने क्रिकेट की दुनिया में काफी ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया है और वनडे में इन्होने दो दोहरे शतक लगाकर तहलका मचा दिया है। और इन्होने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अलग पहचान कायम की है।

4— गौतम गंभीर जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा
राजधानी दिल्ली से रणजी मैच खेलते हुए भारतीय टीम में खेलना एक बहुत ही गर्व की बात मानी जाती है। जल्दी ही इस खिलाड़ी ने यह मुकाम हासिल कर लिया । और अपनी उम्दा बल्लेबाजी की तकनीक से गौतम गंभीर ने स्पिन गेंदबाजों को खेलने का तरीका ही बदल ड़ाला था।इस खिलाड़ी के अन्दर आक्रामक खेल दिखाने के साथ—साथ डटकर खेलने की लाजवाब क्षमता है, और इस 35 वर्षीय खिलाड़ी ने ये साबित कर दिया कि मुश्किल समय में टीम को जीत दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण निभा सकते है।
आपकों 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल तो याद होगा , जब भारत के दो विकेट गिरने के बाद गौतम गंभीर ने जिस तरह पारी को संभाला और भारत को जीत दिलाने में अपना अहम रोल अदा ​किया था ।

ये पारी 2011 वर्ल्ड कप की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक ​है।इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर मेें 5238 रन बनाएं है, जिसमें 11 वनडे शतक शामिल हैं और उनकी औसत 39.68 की रही है। अगर आंकडो के मामले में इस खिलाड़ी की तुलना किसी और खिलाड़ी से कि जाए, तो इनका प्रभाव एक ओपनिंग बल्लेबाज के रुप मेें काफी सराहनीय था।

3— वीरेंद्र सहवागजब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा
वीरेंद्र सहवाग भी राजधानी दिल्ली की रणजी टीम से निकलर अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर अपना स्थान भारतीय टीम में पक्का कर पाये और विश्वभर में एक ताडबोड़ बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई । उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण उन्हें अकसर अगला तेंदुलकर कहा जाता था ।
वीरेन्द्र सहवाग ने एकदिवसीय क्रिकेट में 15 शतकों के साथ 35.05 की औसत से 8273 रनों और 104.33 की स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए व​ह वनडे में दोहरा शतक बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज थे।

इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने टेस्ट मैचों में भी अपना करिश्मा जारी रखा और टेस्ट मैच में भी अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबको मनोरं​जित कर दिया । उनको पाकिस्तान के मुल्तान शहर में तिहरा शतक लगाने के कारण मुल्तान का सुल्तान कहा जाने लगा था।इस खिलाड़ी ने 49.34 के औसत से और 85.23की स्ट्राइक रेट के साथ टेस्ट में 8586 रन बनाएं ।

2—सौरव गांगुली

जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा

इस भारतीय क्रिकेटर को दादा के नाम से भी जाना जाता है। इन्हे विश्वभर मेें सफल कप्तानों में से एक माना जाता है।पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली स्पिन के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते थे। और लम्बे शॉट मारने में माहिर थे ।
16साल के लम्बे करियर में इनके आंकड़ों पर नजर डालें तो 311 मैचों में 11363 रन बनाए हैं जिसमेें इनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 183 रन रहा है।
सौरव गांगुली ने कई युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने में अपना योगदान देते रहे है।

1— सचिन तेंदुलकरजब तक सूरज चांद रहेगा तब तक इन 5 भारतीय सलामी बल्लेबाजों का इतिहास में नाम रहेगा
इस खिलाड़ी को क्रिकेट जगत मेें क्रिकेट के भगवान के नाम से जाना जाता है। सचिन तेेंदुलकर ने भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय मैंचों में लम्बे समय तक ओपनिंग बल्लेबाजी की भूमिका निभाई है। इस खिलाड़ी ने 463 मैंचों में 44.83 की औसत से कुल 18426 रन बनाए हैं।

2010 में साउथ अफ्रिका के खिलाफ नाबाद 200 रन बनाकर वनडें में दोहरा शतक बनाने वाले विश्व के प्रथम खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था।
बेहतरीन बल्लेबाजी करने के अलावा, गेंदबाजी में भी अपना करिश्मा करके दिखाया ​है, 154 विकेट इस खिलाडी के नाम हैं इनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5—32 रहा है। इस खिलाड़ी का क्रिकेट की दुनिया में बहुत ही सराहनीय योगदान रहा है।

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