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ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

ओरिगेनो में विटामिन और पोषक तत्वों के साथ-साथ रोज़मिरेनिक एसिड भी होता है। ये सभी तत्व प्राकृतिक रुप से हिस्टामिन को कम करते हैं। साथ ही श्वसन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। ओरिगेनो के सेवन से नेजल पैसेज से ऑक्सीजन के प्रवाह को भी सुचारु रखने में मदद मिलती है।पिपरमेंट में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट फेंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी होते हैं।
ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

जयपुर । हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है फेफड़े । जिनके जरिये हम सांस ले पाते हैं , हमारा जीवन चलता है । पर हमारी कुछ गलत आदतों और आज के बढ़ते प्रदूषण के चलते इनका स्वास्थ्य बिगड़ता ही जा रहा है । आज कल लोगों को फेफड़ो से जुड़ी परेशानी बहुत ही ज्यादा हो रही है और उनका जीवन काल भी कम होता ही जा रहा है ।ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

ऐसे में आज हम बहुत ही आसान और बहूत ओर्गेनिक तरीका ले कर आए हैं आपके लिए इस परेशानी को खुद से दूर रखने का । बहुत ही कम लोग जानते हैं की जिन हर्ब्स को हम पिज्जा या विदेशी भोजन में डालते हैं , खाते हैं वह असल में हमरी कई बीमारियों का समाधान है । आइये जानते हैं की कौनसी हर्ब्स है जो की हमरे फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखती है ।ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

ओरिगेनो में विटामिन और पोषक तत्वों के साथ-साथ रोज़मिरेनिक एसिड भी होता है। ये सभी तत्व प्राकृतिक रुप से हिस्टामिन को कम करते हैं। साथ ही श्वसन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। ओरिगेनो के सेवन से नेजल पैसेज से ऑक्सीजन के प्रवाह को भी सुचारु रखने में मदद मिलती है।ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

पिपरमेंट में मिन्थॉल होता है। यह मसल्स को रिलेक्स करके श्वसन प्रणाली को आसान बनाने के लिए उपयोगी होता है। मिन्थॉल सर्दी- खांसी के लिए एक बेहतर दवा है। पिपरमेंट में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट फेंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी होते हैं।ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

पथरीले पहाड़ों पर पाये जाने वाला ओशा रुट फेफड़ों को और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए काफी उपयोगी होता है। इनमें कपूर के गुण होते साथ ही इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण फेफड़ों को बैक्टीरिया से बचाकर रक्त संचरण को बढ़ाने में मदद करते हैं।ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार और हल्की गंध वाली होती है। मुलेठी में सुक्रोज़, ग्लूकोज़, रेजींन और स्टार्च होती है जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसे चूसने से यह श्वसन तंत्र को साफ करने में मदद करती है और श्वसन को आसान बनाती है। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण भी होते हैं इसलिए फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप मुलेठी को शहद के साथ चूस सकते हैं या मुलेठी की चाय पी सकते हैं।

 

ओरिगेनो में विटामिन और पोषक तत्वों के साथ-साथ रोज़मिरेनिक एसिड भी होता है। ये सभी तत्व प्राकृतिक रुप से हिस्टामिन को कम करते हैं। साथ ही श्वसन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। ओरिगेनो के सेवन से नेजल पैसेज से ऑक्सीजन के प्रवाह को भी सुचारु रखने में मदद मिलती है।पिपरमेंट में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट फेंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी होते हैं। ओरिगेनो और पीपर मेंत का सेवन रखता है फेफड़ों को बीमारियों से दूर

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