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सुदूर स्थित तारा खोजा गया, जिसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में अरबों साल लगते हैं

जयपुर। हाल ही में नासा ने सबसे दूरी पर स्थित एक तारे को खोज निकाला है। जी हां, नासा की शक्तिशाली अंतरिक्ष अंतरिक्ष दूरबीन हबल ने अब तक का सबसे दूर स्थित तारा खोज लिया है। आपको बता दे कि ब्रह्मांड के बिल्कुल बीच में स्थित नीले रंग के इस विशालकाय तारे का नाम इकारस
सुदूर स्थित तारा खोजा गया, जिसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में अरबों साल लगते हैं

जयपुर। हाल ही में नासा ने सबसे दूरी पर स्थित एक तारे को खोज निकाला है। जी हां, नासा की शक्तिशाली अंतरिक्ष अंतरिक्ष दूरबीन हबल ने अब तक का सबसे दूर स्थित तारा खोज लिया है। आपको बता दे कि ब्रह्मांड के बिल्कुल बीच में स्थित नीले रंग के इस विशालकाय तारे का नाम इकारस है।सुदूर स्थित तारा खोजा गया, जिसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में अरबों साल लगते हैं

यह कितनी दूरी पर स्थित है इसका अंदाजा तो आपको इसी बात से लग जाएगा कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 9 अरब साल लगते हैं। हम आपको बता दे कि दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन मानी जाने वाली हबल से भी यह तारा बहुत ही धुंधला दिखाई देता है। हालांकि ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नामक एक खास तकनीक की सहायता तारों की चमक को तेज किया जा सकता है।सुदूर स्थित तारा खोजा गया, जिसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में अरबों साल लगते हैं

यह अनोखी खोज बर्केले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफकैलिफोर्निया ने की है। शोधकर्ता बताते हैं कि ऐसा ब्रह्मांड के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इतनी दूर स्थित किसी तारे का पता चला है।

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