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‘सरकार ने Remedisvir के दाम 50 प्रतिशत कम किए’

कोविड-19 के लाखों मरीजों को बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती की है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरोनावायरस की दूसरी बड़ी लहर के बीच यह कोरोना मरीजों के लिए अच्छी खबर है। फिलहाल इस इंजेक्शन की कीमत 2,450 रुपये
‘सरकार ने Remedisvir के दाम 50 प्रतिशत कम किए’

कोविड-19 के लाखों मरीजों को बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती की है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कोरोनावायरस की दूसरी बड़ी लहर के बीच यह कोरोना मरीजों के लिए अच्छी खबर है। फिलहाल इस इंजेक्शन की कीमत 2,450 रुपये है।

शुक्रवार की देर शाम रसायन और उर्वरक मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स विभाग, एनपीपीए – सलाहकार (लागत), एन. आई. चौधरी ने सभी फार्मा कंपनियों को तत्काल और पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ संशोधित मानदंडों का पालन करने का आदेश दिया है।

अधिसूचना में कहा गया है, “रेमडेसिविर के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में स्वैच्छिक कमी के संबंध में प्रस्तुत फॉर्म-वी के आधार पर, रेमडेसिविर के निर्माता/मार्केटर्स को इसके लिए वितरण श्रृंखला के दौरान संशोधित एमआरपी को लागू करने के लिए निर्देशित किया जाता है, जो कि 15 अप्रैल 2021 से प्रभावी है।”

महाराष्ट्र बैरिस्टर विनोद तिवारी द्वारा मांग की जाने के एक दिन बाद ही यह फैसला किया गया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्र को इसकी कथित कमी को देखते हुए डीपीसीओ के शासन में तुरंत रेमडेसिविर लानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के ब्लैकमार्केटिंग और भ्रष्टाचार के बीच इस इंजेक्शन की कोविड महामारी की दूसरी लहर में बहुत मांग है। आईएएनएस ने पहली बार 15 अप्रैल को विशेष रूप से इस मुद्दे पर प्रकाश डाला था।

केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हुए, बैरिस्टर तिवारी ने कहा कि यह अच्छा है कि सरकार ने रेमडेसिविर पाने के लिए संघर्ष कर रहे लाखों लोगों की पीड़ा को महसूस किया है।

तिवारी को इससे कालाबाजारी पर लगाम कसे जाने की भी उम्मीद है। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि अब कुछ कंपनियों द्वारा एमपीआर में आधे और उससे भी कम की गिरावट हुई है और लोग अब चैन की सांस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह फार्मा सेक्टर को भोली जनता का शोषण करने से भी रोक देगा।

केंद्र के आदेश जिन ड्रग मेकर को भेजे गए हैं, उनमें कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, सिप्ला लिमिटेड, डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, जुबिलेंट फार्मा लिमिटेड, माइलान लेबोरेटरीज लिमिटेड, सिनजेन इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल हैं।

राज्य एफडीए के सूत्रों ने बताया कि नए मानदंडों के तहत, फार्मा कंपनियां संशोधित कीमतों के साथ बाजार में मौजूदा शेयरों को भी बेच देंगी, जो कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अलावा हताश रोगियों या उनके परिवारों को लाभान्वित करेगा।

यह कदम ऐसे समय पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत में दैनिक नए मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में 2,34,692 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

महाराष्ट्र ने 63,729 दैनिक नए मामलों के साथ सर्वाधिक संख्या दर्ज कराई है। 27,360 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, जबकि दिल्ली में 19,486 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस

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