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बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

बॉलीवुड की फिल्मों में गाने तो हर कोई सुनता है कभी कभी फिल्में फ्ल़ॉप होने के बावजूद भी उनके गाने हमारी जुंबा पर रह जाते ये किसी और का नहीं बल्कि गाने के लिरिक्स लिखने वालें कलाकारों का होता है जी हां आज हम बात कर रहे है उन्ही गीतकारों के बारे में जिन्होनें गाने में अपने शब्दों से उन्हें खूबसूरत बनाया है।इस लिस्ट में विशाल ददलानी, इरशाद कामिल, जावेद अख्तर, फरहान अख्तर, गुलजार, स्वानंद किरकिरे, अमिताभ भट्टाचार्या है।
बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

बॉलीवुड के मशहूर गानों के पीछे एक सिंगर के साथ ही उसे लिखने वाले का खास हाथ होता है जी हां हम बात कर रहे है उन गीतकारों की जिन्होनें बॉलीवुड के मशहूर गानो को अपने शब्दो से पिरोया है।तो आइए बात करते है इन मशहूर गानों की लिरिक्स लिखने वाले कलाकारों की।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Prasoon joshi –एक क्लासिकल सिंगर के तौर पर अपना नाम कर चुके प्रसून जोशी ने बॉलीवुड के कई गानों के लिरिक्स लिखे जिसमें ‘मौला’, ‘कैसे मुझे तू मिल गई’, ‘तू बिन बताए’, ‘खलबली है खलबली’, ‘सांसों को सांसों’ में जैसे मशहूर गाने लिखे हैं, तारे जमीन पर, क्या इतना बुरा हूं मैं मां जैसे मशहूर गाने शामिल है इसके अलावा प्रसून जोशी ने कई कविताएं भी लिखी है।वह लड़कियों-महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव पर लिखा हो या फिर मुंबई आतंकी हमले के बाद लिखी गई उनकी कविता। आपको बता दें जोशी को फ़िल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ के गाने ‘ज़िंदा है तो प्याला पूरा भर ले’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Irshad kamil –बॉलीवुड इंडस्ट्री के पहली पंक्ति के गीतकार में शामिल इरशाद कामिल ने जब वी मेट’, ‘लव आजकल’, ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुम्बई’, ‘अंजाना-अंजानी’ और ‘मौसम’ और सबसे हिट फिल्म रॉकस्टार के गाने लिखे है इन फिल्मों के हर एक गाने में फिल्म इंडस्ट्री में धूम मचाई है।वही बता दें इरशाद को अपनी इस कलाकारी के लिए फ़िल्मफेयर, आइफा, ज़ी सिने समेत लगभग हर फ़िल्मी पुरस्कार मिल चुका है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Amitabh bhattachary-नवाबों के ठाठ लखनऊ से सपनों के शहर मुंबई तक का सफर करने वाले अमिताभ भट्टाचार्य के मन में गायक बनने की तमन्ना थी।और फिर वो एक मशहूर गीतकार बन गये।इन्होने ये जवानी है दीवानी, जहनसीब,आंखे, कहानी,राबता, ए दिल ए मुश्किल,जैसे गानो में अपनी कलाकारी दिखाई है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Kausar munir– कौसर मुसीन अपने करियर की शुरुआत बतौर गीतकार टीवी शो ‘जस्सी जैसा कोई नहीं’ के टाइटल ट्रैक से की थी।तब से अब तक उन्होंने कभी मुड़ कर नहीं देखा.उन्होंने अब तक कई हिट गानों के बोल लिखे हैं, पर उनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। बजरंगी भाईजान से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली।इन्होनें पलट, सुनों ना संगमरमर के, और आ रात भर जैसे गाने लिखे है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Jaideep sahni -जयदीप साहनी हिंदी सिनेमा के नए दौर में मौजूद उन बिरले गीतकारों और कहानीकारों में प्रमुख नाम हैं, जो फ़िल्मों को नई भाषा की ऊंचाई दे रहे हैं। वे एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की मोटे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर विज्ञापन की दुनिया में आए और फिर मुंबई के चमकीले संसार के दरवाजे पर दस्तक दी। जयदीप नहीं मानते कि अच्छी कहानियों की कमी है।इन्होनें आजा नच ले, डिस्को वाले किस्को,जिये क्यों, जानें ना,ओ रे पिया, फिर मिलेंगे चलते चलते जैसे गाने लिखे है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Tanveer ghazi-बॉलीवुड के मशहूर लिरिक्टस कहलाने वाले तनवीर गाजी ने फिल्म की नज्म,‘मेरी रूह करेगी फ़रियाद,मेरी सांसें कहीं खो जाएंगी,तब भी तू मेरे संग रहना,जब राख बनेगा ये सूरज, और धुप धुंआ हो जाएंगी,तब भी तू मेरे संग रहना, सजदे की तरह फिर आँखें झुकी,फिर पलकें नमाज़ी हुई,आ तेरे ज़िक्र में थी, कुछ ऐसी नमी, सूही सांसें भी ताज़ी हुई,जब उम्र की आवारा बारिश, सब रंग मेरे धो जाएगी,तब भी तू मेरे संग रहना के गाने लिखे है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Swanand kirkire-इंदौर के मराठी परिवार में पैदा हुए किरकिरे एक प्रसिद्ध गीतकार, संवाद लेखक,गायक और अभिनेता भी हैं। वह अपने लिखे गीत ‘बंदे में था दम’ और ‘बहती हवा सा था वो’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुके हैं। 2005 में आयी फ़िल्म ‘परिणीता’ में उनके गीत ‘पीयू बोले’ के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर अवॉर्ड के लिए भी नामांकित किया गया था।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Vishal dadlani- एक सिंगर, कंपोजर होने के साथ ही विशाल एक अच्छे लिरिक्स कलाकार भी है जिन्होनें अपने कई गानों को लिरिक्स दी दरअसल विशाल अपने गानो को खुद ही लिखते है और इसे कैसे गाना है कैसे पूरा करना है इसका सभी काम विशाल करते है।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Gulzar– इस लिस्ट में भला गुलजार का नाम कैसे कोई भूल सकता है आपको बता दे कि फिल्म इंडस्ट्री में सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार भारतीय गीतकार,कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। गुलजार को हिंदी सिनेमा के लिए कई प्रसिद्ध अवार्ड्स से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें 2004 में भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण से भी नवाजा जा चूका है। इसके अलावा उन्हें 2009 में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर मे उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।गुलजार ने आजतक फिल्म इंडस्ट्री को कई मशहूर हिट गाने दिये उनका पिछले साल ही फिल्म सूरमा के गानों को काफी पसंजद किया गया था।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

Javed akhter– फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कलाकार जावेद अख्तर का असली नाम जादू है। उनके पिता की कविता थी, ‘लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा’ से उनका यह नाम पड़ा था। जावेद नाम जादू से मिलता-जुलता, इसलिए उनका नाम जावेद अख्तर कर दिया।उन्होनें बॉलीवुड के कई गाने लिखे जो कि काफी मशहूर भी हुए थे।बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

बॉलीवुड की फिल्मों में गाने तो हर कोई सुनता है कभी कभी फिल्में फ्ल़ॉप होने के बावजूद भी उनके गाने हमारी जुंबा पर रह जाते ये किसी और का नहीं बल्कि गाने के लिरिक्स लिखने वालें कलाकारों का होता है जी हां आज हम बात कर रहे है उन्ही गीतकारों के बारे में जिन्होनें गाने में अपने शब्दों से उन्हें खूबसूरत बनाया है।इस लिस्ट में विशाल ददलानी, इरशाद कामिल, जावेद अख्तर, फरहान अख्तर, गुलजार, स्वानंद किरकिरे, अमिताभ भट्टाचार्या है। बॉलीवुड फिल्मों के गानों को अपने शब्द से पिरोते है ये गीतकार

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