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सूर्य पर पहला मिशन नासा का अंतरिक्षयान भेजकर सूरज की सतह का करेगा परीक्षण

जयपुर। कई ग्रहों को देखने और परखने के बाद वैज्ञानिकों अब सूरज खंखालने की जिज्ञासा लगी ही हुई है। वैज्ञानिकों को अब अपने आप इतना विश्वास हो गया है कि वह ब सूरज को खंखालने में सक्षम होये है। नासा सबसे पहले इस काम की शुरूआत कर रहा है। यह अगले इसी सूर्य के लिए
सूर्य पर पहला मिशन नासा का अंतरिक्षयान भेजकर सूरज की सतह का करेगा परीक्षण

जयपुर। कई ग्रहों को देखने और परखने के बाद वैज्ञानिकों अब सूरज खंखालने की जिज्ञासा लगी ही हुई है। वैज्ञानिकों को अब  अपने आप इतना विश्वास हो गया है कि वह ब सूरज को खंखालने में सक्षम होये है। नासा सबसे पहले इस काम की शुरूआत कर रहा है। यह अगले इसी सूर्य के लिए अपना पहला रोबॉटिक अंतरिक्षयान रवाना करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नासा पहले सूर्य के वातावरण को अच्छे से जानने की कोशिश कर रहा है। ताकी एक ऐसा यान बना सके जिससे सूरज की गर्मी का भी कोई असर ना पड़े।सूर्य पर पहला मिशन नासा का अंतरिक्षयान भेजकर सूरज की सतह का करेगा परीक्षण

नासा का कहना है कि परिस्थितियों के अध्ययन करने के बाद पता लगाया गया है कि सूरज की सतह से ज्यादा गर्म उसकी बाहरी सतह है। वैज्ञानिकों का कहना है उनका अंतरिक्षयान सूरज के 60 लाख किलोमीटर की परिधि में प्रवेश करेगा। इससे पहले मानव ने चंद्रमा, मंगल और तारों के बीच की जगह में अपने स्पेसक्राफ्ट भेजे हैं और सफलता भी हासिल की है। और अब नासा अपना पहला सोलर प्रोब प्लस मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के लिए बता दे कि सूर्य और धरती की दूरी करीब 14,900,0000 किलोमीटर है। सूर्य पर पहला मिशन नासा का अंतरिक्षयान भेजकर सूरज की सतह का करेगा परीक्षण

NASA का ये मिशन दुनिया का पहला मिशन होगा  जो सूरज का परीक्षण करेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि हम सूर्य की सतह पर अभी नहीं जा सकते हैं, लेकिन इसको इतने नजदीक जाएंगे कि उसके वातावरण और परिस्थितियों से जुड़े अहम सवालों का जवाब खोजने में सक्षम हो पायेंगे। अगर ये सफलतापूर्वक हुआ तो सूरज की सतह  पर जाना भी संभव हो पायेगा।  सूर्य पर पहला मिशन नासा का अंतरिक्षयान भेजकर सूरज की सतह का करेगा परीक्षण

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