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मुख्यमंत्री का सपना देखने वाले अपने ही गांव को भूल गए

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार के लिए कुछ किया हो या ना लेकिन उनके अपने गांव के लोग आज भी उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर जी रहे हैं पर शायद उनको ‘नया बिहार तेजस्वी सरकार’ का नारा उतना नहीं पा रहा। उनके खुद के गांव के लोगों किसे
मुख्यमंत्री का सपना देखने वाले अपने ही गांव को भूल गए

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार के लिए कुछ किया हो या ना लेकिन उनके अपने गांव के लोग आज भी उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर जी रहे हैं पर शायद उनको ‘नया बिहार तेजस्वी सरकार’ का नारा उतना नहीं पा रहा। उनके खुद के गांव के लोगों किसे कहते हैं कि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप अपने गांव को भूल चुके हैं।
दैनिक भास्कर द्वारा किए गए एक रिपोर्ट के अनुसार लालू प्रसाद यादव के गांव फुलवारी के लोग भी उनके पुत्र को उतना नहीं पसंद कर रहे जितना लालू प्रसाद यादव को पसंद करते थे। वहां कई रिपोर्टरों की टीम ने एक महिला से बात की जिसने भोजपुरी में यह बात कही “जे कइलन उ लालू जी, बेटवन सब झाकहुं न आइल। जे आज लउकता, उ 20 साल पहिले ओइसने रहे। इ लोग जे कमइलन-बनइलन, लेकिन फुलवरिया झांकहुं ना अइलन।” जिसका मतलब है कि ‘जो भी किया लालू जी ने किया उनके बेटे तो यहां झांकने तक नहीं आए। जो आज दिख रहा है वह भी साल पहले भी ऐसा ही था। इन लोगों ने कमाया बनाया, लेकिन फुलवारी की ओर झांकने भी नहीं आए’ इस वाक्य को पढ़कर साफ समझ आता है कि महिला लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल से काफी खुश नजर आ रही थी लेकिन उनके पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव से खासा नाखुश थी।
भास्कर की टीम जब रेफरल अस्पताल में पहुंची तो वहां एक कमरे में दो लोग बातें करते हुए मिले। दोनों सरकारी कर्मचारी थे। इनमें से एक फुलवरिया के ही रहने वाले थे। पहचान उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर उन्होंने बात की। बताया कि लालू प्रसाद 2017 में ही अपने गांव आए थे। इसके बाद उन्हें चारा घोटाले में जेल जाना पड़ा। इस विधानसभा चुनाव में वो नहीं हैं। जो बात उनमें है, वो उनके बच्चों में नहीं है।
तेजस्वी यादव जो कि बिहार के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं अगर उनके गांव में ही उनका प्रभाव कम हो रहा है और लोग उनसे नाखुश नजर आने लगे हैं तो यह उनके लिए चिंता जनक हो सकता है। अपने पैतृक गांव में लोकप्रियता खोना तेजस्वी यादव के लिए घातक साबित हो सकता है और उन्हें इस सीट से हाथ धोना भी पड़ सकता है।

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