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अदालत ने 62 मलेशियाई, 11 सउदी जमातियों को जुर्माना लगाकर छोड़ा

दिल्ली की एक अदालत ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वीजा नियमों एवं दिशा-निर्देशों की कथित अवहेलना करने के आरोपी 62 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार और 11 सऊदी नागरिकों को 10-10 हजार रुपये के जुर्माना लगाकर शुक्रवार को मुक्त कर दिया। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद
अदालत ने 62 मलेशियाई, 11 सउदी जमातियों को जुर्माना लगाकर छोड़ा

दिल्ली की एक अदालत ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वीजा नियमों एवं दिशा-निर्देशों की कथित अवहेलना करने के आरोपी 62 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार और 11 सऊदी नागरिकों को 10-10 हजार रुपये के जुर्माना लगाकर शुक्रवार को मुक्त कर दिया। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद विदेशी नागरिकों ने अदालत में समझौता आवेदन (प्ली बार्गेनिंग एप्लिकेशन) दिया था। इस तरह के आवेदन के तहत आरोपी अभियोजन से कुछ राहत के बदले में अपना दोष स्वीकार कर लेता है।

लाजपत नगर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), जो शिकायतकर्ता थे, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन क्षेत्र पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने उनकी याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जतायी, जिसके बाद अदालत ने उन्हें छोड़े जाने की अनुमति दे दी।

मामले में विदेशियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हरि हरन के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने मलेशियाई लोगों को 7,000 रुपये के भुगतान पर जबकि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आशीष गुप्ता ने 11 सऊदी नागरिकों में से प्रत्येक को 10,000 रुपये के भुगतान पर छोड़ा।

इससे पहले गुरुवार को 60 मलेशियाई लोगों में से प्रत्येक को 7,000 रुपये के जुर्माने के भुगतान पर छोड़ने की अनुमति दी गई थी। अपराध स्वीकार कर समझौता आवेदन के तहत उन्हें यह राहत दी गई।

अब तक, अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, रूस, अल्जीरिया, बेल्जियम, सऊदी अरब और अन्य विदेशी नागरिकों को इसी मामले में जमानत दी जा चुकी है। इन सभी ने भी प्ली बार्गेन एप्लिकेशन दी हुई है।

विदेशी नागरिक उस समूह का हिस्सा थे, जिसने भारत सरकार द्वारा जारी कोरोनावायरस दिशानिर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन किया है। इसके साथ ही कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी नागरिकों पर वीजा मानदंडों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगा।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों का नाम दर्ज किया है। हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, मगर केंद्र ने उनका वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद कांधलवी और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन के भी आरोप लगाए गए हैं।

नूयज स्त्रोत आईएएनएस

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