बच्चे में ट्रांसफर होती है माँ की ही इम्यूनिटी , जानिए क्या है यह ?
जयपुर । जब बच्चा पैदा होता है तो वह बहूत ही ज्यादा कमजोर होता है । बच्चा जब दुनिया में आता है तो उसका क्यों इतना ज्यादा ध्यान रखा जाता है । इसके पीछे बहुत ही बड़ा कारण होता है वह यही ही की उस समय से लेकर 5 साल तक बच्चे की रोग प्रतिरधक क्षमता काफी कमजोर होती है ।
उसको कई सारी गंभीर बीमारियों में जकड़ जाने का खतरा इसी समय पर बना हुआ रहता है जिसके कारण ही बच्चों को कई सारी चीजों से दूर रखा जाता है । आज हम आपको बच्चों और उनकी माँ से जुड़ी एक बहुत ही खास बात बताने जा रहे हैं जिसको जानकार आपको हैरानी होगी । आप अपने नन्हें का ख्याल भी अच्छे से रख पाएंगे । आइये जानते हैं उनकी इम्यूनिटी से जुड़ी इस बात के बारे में ।
बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और उसे दोस्त और दुश्मन के बीच का फर्क समझाने में माएं अहम रोल अदा करती हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी के नतीजे बताते हैं कि मांएं प्लेसेंटा के जरिए अपने शरीर के ऐंटिबॉडीज को अपने नवजात बच्चे में ट्रांसफर कर देती हैं।
मां के शरीर की ऐंटिबॉडीज कुछ बीमारियों जैसे मीजल्स में मां से नवजात में ट्रांसफर होकर बच्चे को तब तक बीमारी से बचाकर रखती हैं जब तक बच्चा खुद वैक्सीन लेने लायक न हो जाए। लेकिन पोलियो जैसी बीमारियों में बच्चे में ट्रांसफर हुई मां की ऐंटिबॉडीज असरदार साबित नहीं होती।
प्रेग्नेंट महिला के शरीर की वैक्सीन से प्रेरित इम्यूनिटी उसके होने वाले बच्चे में ट्रांसफर होती है। यही वजह है कि और ज्यादा बेहतर मैटरनल वैक्सीन विकसित करने की बात भी कही जा रही है।