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नवजात शिशुओं की देखभाल हुई और भी आसान, बस नियमित जीवनशैली में अपनाएं ये 5 काम

जयपुर। इस दुनिया में किसी भी नवजात शिशु का प्रवेश करना, उसकी मां और परिवार के लिए बेहद खुशी की बात होती है, लेकिन उनकी देखभाल और रहन-सहन का काम आसान नहीं होता। बहुत छोटे-छोटे कामों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि वह पूरी तरह अपनी मां पर निर्भर होते हैं और उनकी
नवजात शिशुओं की देखभाल हुई और भी आसान, बस नियमित जीवनशैली में अपनाएं ये 5 काम

जयपुर। इस दुनिया में किसी भी नवजात शिशु का प्रवेश करना, उसकी मां और परिवार के लिए बेहद खुशी की बात होती है, लेकिन उनकी देखभाल और रहन-सहन का काम आसान नहीं होता। बहुत छोटे-छोटे कामों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि वह पूरी तरह अपनी मां पर निर्भर होते हैं और उनकी कुछ आदतें मां को परेशानी में डाल सकती हैं। इसी कारण उनकी देखभाल पूरी सावधानी करना आवश्यक है क्योंकि जरा सी चूक उनके स्वास्थ को प्रभावित कर सकती है। इसलिए आज हम आपको नवजात की देखभाल से संबंधित कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उन्हें हमेशा हेल्दी रखने में आपकी मदद करेंगे-

त्वचा की देखभाल

शिशु के जन्म लेने के 10 दिन बाद बच्‍चों को बहुत ही हल्के गर्म पानी से नहलाना बेहतर रहता है। और जैसे-जैसे उनका विकास होता है विभिन्न रोगाणु और विषाणु उनकी त्वचा पर पनपने लगते हैं। इसलिए उनकी त्वचा को गीले कपड़े से साफ करना और तेल मालिश करके उन्हें नहलाना बहुत आवश्यक है, जिससे उन्हें पोषण मिलता है।

नवजात शिशुओं की देखभाल हुई और भी आसान, बस नियमित जीवनशैली में अपनाएं ये 5 काम

शिशुओं का रोना ना करें नजरअंदाज

अकसर शिशुओं का रोना किसी भी मां के लए परेशानी खड़ी कर सकता है लेकिन इसे भूलकर भी नजरअंदाज ना कें क्योंकि हो सकता है आपका बच्चा भूखा हो, नैपी गीली हो, कोई नया चेहरा देखने या नई आवाज़ सुनने और गोद में उठाने का तरीका पंसद ना आया हो। या फिर थकान हो गई हो। इन परिस्थितियों में उनका ख्याल रखना बेहद आवश्यक है।

नवजात शिशुओं की देखभाल हुई और भी आसान, बस नियमित जीवनशैली में अपनाएं ये 5 काम

शारिरिक तापमान पर ध्यान

बच्चों के शारिरिक तापमान को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि उन्हें हमेशा थोडा ढंककर रखें और ढंककर रखने से पहले यह ध्यान दें कि उनकी नैपी गीली तो नहीं है और उन्हें  भूख तो नहीं लगी। अगर ऐसा है तो समस्या का समाधान करें और उन्हें सुला दें। लेकिन ध्यान रखें कि उन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति होती रहे।

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नींद का ख्याल

नवजात बच्चों की विकास ही नींद के कारण होता है इसलिए उन्बहें भरपूर नींद लेने दें। और उन्हें सुलाने से पहले स्तनपान जरूर करवाएं कम से कम 6 महिने तक के बच्चे को स्तनपान करवाना अनिवार्य है। और यह भी ध्यान रखें कि उनकी नींद पूरी हो सके, क्योंकि नींद पूरी ना होने के कारण उनमें चिडचिडापन आने लगता है। और उनकी सेहत भी प्रभावित होती है।

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