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खंडग्रास चंद्रग्रहण तोड़ी काशी की 27 साल पुरानी परंपरा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 149 साल बाद पहली बार गुरुपूर्णिमा के दिन चंग्रग्रहण पड़ने के कारण काशि में मां गंगा की आरती की 27 सालों से चल रही परंपरा आज टूट जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। जिसके चलते भगवान की पूजा तथा कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है। यही कारण है कि आज 27 सालों से चली आ रही मां गंगा की आरती की परंपरा टूट जाएगी।
खंडग्रास चंद्रग्रहण तोड़ी काशी की 27 साल पुरानी परंपरा

जयपुर । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 149 साल बाद पहली बार गुरुपूर्णिमा के दिन चंग्रग्रहण पड़ने के कारण काशि में मां गंगा की आरती की 27 सालों से चल रही परंपरा आज टूट जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। जिसके चलते भगवान की पूजा तथा कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है। यही कारण है कि आज 27 सालों से चली आ रही मां गंगा की आरती की परंपरा टूट जाएगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की परंपरा आज सूतक काल के चलते टूट जाएगी। खंडग्रास चंद्रग्रहण के कारण 16 जुलाई को गंगा आरती का समय शाम के बजाय दिन में तीन बजे रखा गया है।

बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से से पहले सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते है। जिसके चलते ही आज काशी में दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा की आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है।

वहीं काशी में विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती पहले भी दो बार सूतक के चलते जल्दी हुई है। मां गंगा की आरती सन् 1991 से शुरू हुई थी। गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली गंगा आरती 27 सालों में तीसरी बार दिन में होगी। इससे पहले मां गेगा की आरती पहले 27 जुलाई 2018 को ग्रहण के कारण दोपहर में हुई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार 16 और 17 जुलाई 2019 को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में खंडग्रास चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा। जिसके चलते भारत के समस्त मंदिर 4.30 बजे ही बंद हो जाएंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 149 साल बाद पहली बार गुरुपूर्णिमा के दिन चंग्रग्रहण पड़ने के कारण काशि में मां गंगा की आरती की 27 सालों से चल रही परंपरा आज टूट जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। जिसके चलते भगवान की पूजा तथा कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है। यही कारण है कि आज 27 सालों से चली आ रही मां गंगा की आरती की परंपरा टूट जाएगी। खंडग्रास चंद्रग्रहण तोड़ी काशी की 27 साल पुरानी परंपरा

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