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अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

बॉलीवुड की फिल्म थप्पड़ रिलीज हो चुकी है जो कि महिलाओं के आत्मसम्मान और दंभी पुरुषों की कहानी को दर्शाती है फिल्म में तापसी पन्नू ने मुख्य किरदार प्ले किया है।जिसमें वो काफी प्रभावशील नजर आ रही है फिल्म को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है वही फिल्म घरेलु हिंसा थप्पड़ क्यों मारा पर आधारित है जो हर किसी महिला के स्वाभिमान को दर्शाने वाला है।
अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

फिल्म-थप्पड़

स्टार कास्टःतापसी पन्नू, पवैल गुलाटी, माया सराओ, रत्ना पाठक, तनवी आजमी, कुमुद मिश्रा, गीतिका वैद्य, राम कपूर और दीया मिर्जा आदि

निर्देशकःअनुभव सिन्हा

निर्माताःभूषण कुमार, अनुभव सिन्हा, कृष्ण कुमार

रेटिंगः ****अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़ अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

बॉलीवुड में एक्शन,रोमांटिक,ड्रामा फिल्में तो बहुत देखी है लेकिन ऐसे में वो फिल्में जो इन सभी लीक से हटकर एक सोच पैदा करती है जिसकी कहानी भले ही सिर्फ एक आधार पर टिकी हो लेकिन ये फिल्में एक नई सोच और दंभी पुरुषों की दकियानुसी सोच पर विराम लगाती है।तो आइए बात करते है फिल्म थप्पड़ की जिसे पिंक, गेम ओवर, सांड की आंख,बदला,मूल्क फिल्मों की अभिनत्री रही तापसी पन्नू ने लीड रोल किया है।इस फिल्म में एक बार फिर से तापसी नई मिसाल कायम करने वाली है और हिंदी सिनेमा के रेग्यूलर कॉन्टेंट से हटकर एक नया उत्साह जगाती है।ये फिल्म दिल्ली की गलियों पर मैंगो आइस्क्रीम खाती अलग अलग परिवेश में रहने वाली महिलाओं की कहानी पर आधारित है जहां कुछ अपने पार्टनर के अनुसार अपनी जिंदगी जी रही है तो वही कुछ अपनी शर्तों के अनुसार।फिलम को कहां तो तुम बिन, तुम बिन 2, दस, तथास्तु, कैश और रा वन जैसी फिल्में और कहां मुल्क, आर्टिकल 15  जैसीफिल्मों का निर्देशन कर चुके अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है जिसमें उन्होनें समाज में फैले सामान्य विषय के बारे में गंभीरता से सोचने पर मजहूर किया है।अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

कहानीः फिल्म की कहानी अमृता (तापसी पन्नू) की है।हालांकि फिल्म की कहानी में छः महिलाओं वैवाहिक रिश्ते को दिखाया गया है।शुरुआत में फिल्म अपनी ग्रीप पकड़ने के लिए फुस्फुसाकर चलती है ऐसे में एक पार्टी के दौरान अमृता के पति जो कि पूरे दिन अपने काम-काज में बिजी रहते है और अमृता एक मां की तरह उनका पालन-पोषण करती है उनकी जरुरत की हर एक चीज करती है तो उसे अपने पति के गुस्से और थप्पड़ का भी शिकार होना पड़ता है।असल तौर पर फिल्म की कहानी एक पार्टी में शुरु होती है जहां एक पत्नी जो अपने पति को हमेशा सर्वोपरी मानती है हर काम उनकी इच्छानुसार करती है उसे अपने पति के बेबुनियादी गुस्से पर थप्पड़ का भी शिकार होना पड़ता है।जो कि समाज के लिए सिर्फ एक थपप्ड़ है लेकिन फिल्म में दिखाया गया है कि थप्पड़ क्यों।आखिरकार थप्पड़  पड़ने पर अमृता को असल तौर पर एक महिला  होने के नाते अपना स्वाभिमान और आत्मसम्मान याद आता है।जिसे वो एक पति की सेवा में खो चुकी होती है।

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आम तौर पर थप्पड़ प़ड़ना वो भी अपने पति से बहुत ही सामान्य माना जाता है लेकिन देखा जाए तो ये भी एक हिंसा ही है फिल्म में इसी विषय पर जोर दिया गया है।जब अमृता आवाज उठाती है तो इसे घरेलु जीवन की असलियत पता चलती है जहां उसके आसपास की हर एक महिला अपने पति के जुम्लों से घिरी है और अपने स्वाभिमान को छोड़कर सिर्फ और सिर्फ पति की पत्नी के तौर पर खुद को सौप चुकी है।जब अमृता अपने इस थप्पड़ पर आवाज उठाती है तो ऐसी कई कहानियां उनके सामने आती है।जिसमें अमृता की बाई को उसका पति सिर्फ इसलिए मारता है क्योंकि वह उसकी बात काट देती है।अमृता की  वकील अपने पति की शोहरत में घुटती है, वह एक शेफ से अपना दुख दर्द साझा करती है।अमृता की सास अपने पति से अपने बेटे के कारण अलग रहती है तो वही अमृता की मां उन्हें अपनी इज्जत के नाते पिता का नाम खराब नहीं होने के नाते घर भेजने पर तुली रहती है।ये सभी कहानियां अपने पति के डर और पत्नी के खोये आत्मसम्मान को दर्शाती है।अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

फिल्म के डायलॉग्स काफी दमदार है जिसमें अमृता को जब उनकी मां से रिश्ते जोड़ने की सलाह मिलती है तो वो कहती है-जोड़ कर रखनी पड़े कोई चीज़ तो मतलब टूटी हुई है ना। एक सीन में उसके पिताजी कहते हैं ‘हम तो हमेशा सही ही सोचते है, पर कई बार सही करने का रिजल्ट हैप्पी नहीं होता।’

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एक्टिंग- तापसी ने अपनी पहली फिल्मो में भी अपने किरदार के साथ पूरी तरह न्याय किया है ऐसे में इस बार भी वो अपने किरदार से बिल्कुल ओझल नहीं हुई है इसके अलावा फिल्म के हर एक किरदार को अपने तरीके से सही देखा जा सकता है।खास बात ये है कि इस फिल्म को  हर मां, हर बेटी और हर पत्नी को देखनी ही चाहिए और वह भी अपने बेटे, अपने पिता या अपने पति के साथ।क्योंकि किसी एक इंसान के सही होने से समाज की दंभी सोच नहीं बदल सकेंगी इसके लिए हर किसी को जागरुक होने की जरुरत है।

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बॉलीवुड की फिल्म थप्पड़ रिलीज हो चुकी है जो कि महिलाओं के आत्मसम्मान और दंभी पुरुषों की कहानी को दर्शाती है फिल्म में तापसी पन्नू ने मुख्य किरदार प्ले किया है।जिसमें वो काफी प्रभावशील नजर आ रही है फिल्म को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है वही फिल्म घरेलु हिंसा थप्पड़ क्यों मारा पर आधारित है जो हर किसी महिला के स्वाभिमान को दर्शाने वाला है। अपने आत्मस्मान के लिए जरुर देंखें तापसी की थप्पड़

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