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जलवायु परिवर्तन का भयानक उदाहरण हैं ग्लोबल वार्मिंग

जयपुर। जलवायु परिवर्तन दिन ब दिन बहुत ही तेजी से हो रही है। इसका कारण है बढ़ता प्रदूषण इसके कारण से आज ये दिन देखने पड़ रहे है। इससे धरती के अस्तित्व को भी खतरा हो सकता है। प्रदूषण से हर साल तापमान में हो रही वृद्धि के कारण ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है।
जलवायु परिवर्तन का भयानक उदाहरण हैं ग्लोबल वार्मिंग

जयपुर। जलवायु परिवर्तन दिन ब दिन बहुत ही तेजी से हो रही है। इसका कारण है बढ़ता प्रदूषण इसके कारण से आज ये दिन देखने पड़ रहे है। इससे धरती के अस्तित्व को भी खतरा हो सकता है। प्रदूषण से हर साल तापमान में हो रही वृद्धि के कारण ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है। ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा खतरा दुनिया के ऊपर मंडरा रहा है। बताया  जा रहा है की ग्लेशियर धीरे धीरे पिघल ना शुरू हो गये है। अगर ये ऐएसे ही पिघलते रहे तो एक दिन ऐसा होगा की पूरी दुनिया पानी में समा जायेगी। इससे इंसान का पुरा ही वजूद मिट जायेगा।जलवायु परिवर्तन का भयानक उदाहरण हैं ग्लोबल वार्मिंग

पुरी पृथ्वी नष्ट हो जायेगी। एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है की बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग अब सिर्फ किताबों और सेमीनारों तक ही सीमित नहीं रह गई है। यह हमारे जीवन को पूरी तरह से बदलने की कोशिश कर रही है। 2015 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित किया गया है। आपको यकीन नहीं होगा लेकीन यह सच है की धरती वापस से एक गर्म आग गोल बनने जा रही है। जिससे इस पर जीव का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। दुनिया के आठ शहर तो ठीक समुद्र किनारे बसे हुए हैं।जलवायु परिवर्तन का भयानक उदाहरण हैं ग्लोबल वार्मिंग

जो जल्द ही संमदर में समा जायेंगे। 1 मीटर तक उठने वाली लहर एक शहर को पानी में डूब सकती हैं। इसी के कारण अमेरिका, एशिया सहित तमाम इलाकों में मौसम के बदलाव से भारी बारिश और बाढ़ में बढ़ोतरी होती जा रही है। चेन्नई में आई भयानक बाढ़ इसी का एक उदाहरण है। कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि हजारों टन वज़नी ग्लेशियर में जितनी बर्फ है, अगर वो सारी पिघल गई तो दुनिया भर में समुद्र का स्तर एक फीट से भी ऊपर उठ सकता है। तो सोचो जब सारे ग्लाशियर पिघल जायेंगे तो क्या होगा।जलवायु परिवर्तन का भयानक उदाहरण हैं ग्लोबल वार्मिंग

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