Samachar Nama
×

Indian startups के लिए बड़ी फंडिंग लेकर आया टेकबूज

सर्विस बेस्ड इंटरप्राइज कंसल्टेंसी टेकबूज ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने वैश्विक निवेशकों के जरिए फंड इकट्ठा करके स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारी निवेश करने की सुविधा शुरू कर दी है। कंपनी ने बिना आंकड़े बताते हुए कहा कि बायजू, प्लेको और येनसेक्टडॉटकॉम सहित स्टार्टअप्स को वह पहले ही फंडिंग दे चुकी है। साथ ही
Indian startups के लिए बड़ी फंडिंग लेकर आया टेकबूज

सर्विस बेस्ड इंटरप्राइज कंसल्टेंसी टेकबूज ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने वैश्विक निवेशकों के जरिए फंड इकट्ठा करके स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारी निवेश करने की सुविधा शुरू कर दी है। कंपनी ने बिना आंकड़े बताते हुए कहा कि बायजू, प्लेको और येनसेक्टडॉटकॉम सहित स्टार्टअप्स को वह पहले ही फंडिंग दे चुकी है। साथ ही यह भी कहा कि वह स्टार्टअप और रियल एस्टेट क्षेत्र में भारी निवेश करेगी।

कंपनी स्पेस केपिटल, बॉन्ड केपिटल समेत 421 वैश्विक निवेशकों के जरिए फंडिंग कर रही है। इसके अलावा कंपनी ने कहा है कि यह 3 प्रमुख परियोजनाओं के लिए आंशिक तौर पर धन जुटाने में मदद करेगी, जिसमें लगभग 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से वायएमसीए बोकारो अस्पताल का निर्माण, 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से कोलकाता के वेस्टर्न डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एक आवासीय परियोजना और 3,000 रुपये करोड़ के निवेश के साथ वेस्टर्न डेवलपमेंट हेल्थकेयर की परियोजना शामिल है।

टेकबूज कंसल्टेंसी के फाउंडर और सीईओ शुभाशीष कर ने अपने एक बयान में कहा है, “टेकबूज स्टार्टअप फंडिंग के लिए सहायता देने की पेशकश कर रहा है, जिसमें किसी भी उद्यम की शुरूआत से लेकर मौजूदा चरण, उसे इंन्वेस्टमेंट प्लान में मदद करने, मार्केट में उतरने की रणनीति बनाने आदि के लिए सपोर्ट करना शामिल है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम लगातार नए बिजनेस मॉडल खोज रहे हैं और उन्हें मदद करने के लिए हर संभव तरीका तलाश रहे हैं। नई फंडिंग के साथ हम ऐसे समय में स्टार्टअप्स में निवेश करने और उन्हें बढ़ावा देने में सक्षम होंगे।”

आज अधिकांश उद्यमों और पब्लिक-लिस्टेड कंपनियों के पास पूंजी जुटाने के कई तरीके हैं लेकिन स्टार्टअप या बूटस्ट्रैप्ड निवेशकों या वेंचर केपिटलिस्ट पर निर्भर हैं।

टेकबूज ने कहा है कि नई फंडिंग के साथ वह स्टार्टअप्स को नया जीवन देने में मदद करेगा, क्योंकि निवेश की कमी से उनके विकास में रुकावट आ सकती है और कई बिजनेस मॉडल तो फंडिंग की कमी के कारण दम ही तोड़ देते हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story