टाटा मोटर्स भारत के साथ ही विदेशी साझेदारों पर प्रमुख ध्यान बनाये हुए ?
टाटा मोटर्स समूह प्रमुख रूप से कई वाहन निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहा है, उनमें से यूरोपीय और पूर्व एशियाई जैसे देशों से अपने भारत संबंध बना रहा है इसके साथ ही यदि हम बात करें यात्री वाहन व्यवसाय की तो उसमें 49% हिस्सेदारी में कमी साथ ही इस वित्त वर्ष 2020 में कारोबार के नाम पर 4% ही जो की लगभग 10,297 करोड़ के बराबर बन रहा इनपर मुख्य रूप से कारोबारी असर पड़ा हैं ।
भारत कार के कारोबार में रणनीतिक तौर पर भागीदार 12 साल बाद टाटा मोटर्स का अधिग्रहण जगुआर लैंड रोवर(JLR) फोर्ड से 2.3 बिलियन डॉलर में हुए हाल ही के सौदे ने भारतीय कंपनी को दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोटिव खिलाड़ियों के क्लब में शामिल कर दिया है ।
जिसके चलते टाटा मोटर्स के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है की , “भारत का यात्री कार व्यवसाय आने वाले भविष्य में कुछ ऐसा होने वाला है जिसे हम अवश्य रूप से चलाना चाहते हैं और साथ ही हम इसी कारण से अपनी इकाई के मुख्य रूप के अधिकांश नियंत्रण लाभ को नहीं सौंप सकते हैं ।”
कंपनी ने विभिन्न चीनी खिलाड़ियों के साथ भी बातचीत की है, लेकिन हाल ही हुए कुछ परिणामों ने भारत और चीन के बीच बिगड़ते रिश्तों ने डील-मेकिंग को काफी प्रभावित किया है।टाटा मोटर्स की फ्रांस के पीएसए ग्रुप , फिएट क्रिसलर सहित कुछ अन्य लोगों के साथ भी बातचीत हुई है। फिएट क्राइसलर का भारत में टाटा मोटर्स के साथ पहले से ही एक मजबूट रिश्ता बना हुआ है ।
दूसरी तरफ यदि हम बात करें तो PSA ग्रुप को अगले साल से ही अपने Citroen ब्रांड को लॉन्च करने की योजना के साथ भारत में फिर से प्रवेश कर रही है।अब देखना यह है की इस कोरोना वायरस की बीमारी के बाद से टाटा मोटर का भवउशी और किस तरह की राह मे जाता है ।