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जाने अस्थमा के कारण लक्षण व बचाव

जयपुर, देश में बढ़ते प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या आए दिन बढती ही जा रही है इस बिमारी को दमा भी कहा जाता है। जिससे सांस लेने में तकलीफ होनें लगती है। यह रोग होनें पर रोगी की सांस लेनें की नलीयों में सूजन आ जाती है जिससे रोगी को सांस
जाने अस्थमा के कारण लक्षण व बचाव

जयपुर, देश में बढ़ते प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या आए दिन बढती ही जा रही है इस बिमारी को दमा भी कहा जाता है। जिससे सांस लेने में तकलीफ होनें लगती है। यह रोग होनें पर रोगी की सांस लेनें की नलीयों में सूजन आ जाती है जिससे रोगी को सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। इसके लगातार रहने से सीने में जकडन व खांसी जैसी सहायक बिमारिया भी शुरू हो जाती है। चिकित्सकों के अनुसार यह रोग दो प्रकार का होता है। एक आंतरिक व दूसर बाह्। बाहरी अस्थमा एलर्जी के कारण होता है। साथ आंतरिक दमा कुछ रासायनिक तत्वों को सांस के द्वारा शरीर में लेनें पर होता है। आज आपको बताते है अस्थमा के कारण व उपचार के बारे में जिससे आप भी बचे रहेंगे इस खतरनाक बिमारी से…….जाने अस्थमा के कारण लक्षण व बचाव

ये है दमा के प्रमुख कारण

जैसा कि हमने उपर ही बता दिया आज के युग में अस्थमा का प्रमुख कारण प्रदूषण है। साथ ही मौसम के बदलाव व सर्दी के साथ साथ प्लू व मादक पदार्थों के सेवन से भी अस्थमा अपने पैर पसार रहा है। साथ देखा गया है कि कई बार भावनात्मक तनाव भी इसका कारण बन जाता है। वहीं कुछ लोगों में यह समस्या आनुवांशिक भी होती है। साथ ही आपको बता दे कि अस्थमा कई प्रकार का होता है जैसे एलर्जिक अस्थमा, नॉनएलर्जिक, मिक्स्ड अस्थमा, इनड्यूज अस्थमा, कफ वेरियंट, ऑक्यपेशन अस्थमा, मिमिक अस्थमा, चाइल्ड ऑनसेट अस्थमा, एजल्ट ऑऩसेट अस्थमा  आदी प्रकार से अस्थमा हो सकता है।जाने अस्थमा के कारण लक्षण व बचाव

ये है अस्थमा के लक्षण

अस्थामा होनें वाले रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है। वहीं सांस लेतेसमय आवाज आती है। बलगम के साथ खांसी या फिर सूखी खांसी भी हो सकती है। वहीं रात के समय में रोगी को अधिक परेशानी का समना करना पड़ता है। वहीं इस प्रकार के रोगी को व्यायाम करते समय अधिक समस्या होनें लगती है। वहीं कुछ दूर पैदल चलने पर रोगी को जोर जोर से सांस चलने लगती है रोगी अपने आप को थका हुआ महसूस करता है। हालत ज्यादा बिगडने पर रोगी को उल्टी भी होनें लगती है। रोगी के सीने में जकड़न सी होने लगती है। अगर आपके भी परिवार में किसी को उपरोक्त लिखित लक्षणों में से कोई मिलते हो तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श ले।जाने अस्थमा के कारण लक्षण व बचाव

ये उपाय करे अस्थमा से बचने के लिए

अस्थमा होनें पर इलाज के साथ साथ सावधानी की भी बहुत जरूरत होती है। ऐसे रोगियों को बरसात में बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही जहां मिट्टी उडती हो उन स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। बारिश के दौरान इस बिमारी के संक्रमण के चांस बढ जाते है। इसलिए अपने आपको बचाकर रखे। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा गर्म व ज्यादा ठंडे स्थानों पर जाने से बचे. क्योंकि इस मौसम मे मोल्ड स्पोट्स के फैलने की संभावना अधिक रहती है। जब भी आप घर से बाहर जाए तो अपने मुहं पर स्कार्फ जरूर रखे। इससे आप प्रदूषण से बच सकते है। साथ धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रहे  आपको बता दे कि अस्थमा पर योग से भी काबू पाया जा सकता है। सूर्य नमस्कार, प्राणायाम भुजंगानसन जैसे योग इसमें फायदेमंद होते है।

अस्थमा के मरीज को खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे रोगियों को कोल्ड ड्रिंक्स व ठंडी प्रकृति वाले खानपान से दूर रहना चाहिए। वही रोगियों को अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों को अधिक महत्व देना चाहिए। विटामिन ए सी औऱ ई से युक्त आहार इस प्रकार के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इनके आहार में काली मिर्च अदरक व लहसन को जरूर शामिल करने चाहिए।

इस प्रकार हम कुछ आसान सी सावधानियां रखकर अस्थमा से अपना बचाव कर सकते है।साथ ही किसी को उचित सलाह देकर उसे भी होनें वाली परेशानियों से बचा सकते है।

 

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