गर्मियों में टेनिंग से बचने के लिए क्या आप भी सनस्क्रीन लगाते हैं, तो एक बार इसे जरूर पढ़िए
गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है और इसी के साथ शुरू हो गई है इस चिलचिलाती धूप से होने वाली टैनिंग। दसी के चलते अक्सर गर्ल्स अपनी स्किन को लेकर काफी केयरफुल रहते हैं। ऐसे में इस टैनिंग से बचने का बेस्ट सॉल्यूशन होता है सनस्क्रीन लोशन।
हम अक्सर अपने लिए सबसे अच्छा और ज्यादा असरदार सनस्क्रीन प्रयोग में लेने की कोशिश करते हैं। लेकिन शायद बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि सनस्क्रीन से कई प्रकार के साइड इफैक्ट्स भी होते हैं। बाजारों में उपलब्ध इस सनस्क्रीन्स में कई तरह के कैमिकल्स मिले होते हैं, जो स्किन के लिए हानिकारक होते हैं।
अगर आप भी सनस्क्रीन का उपयोग करते हैं तो ये साइड इफैक्ट्स आपको झेलने पड़ सकते हैं :-
एलर्जी :- बाजारों में जो सनस्क्रीन मिलते हैं उनमें फ्रेग्नेंस के लिए भी कई हानिकारक कैमिकल यूज किए जाते हैं, जिससे स्वेलिंग, रैशेज और इचिंग जैसी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए आप हारपोलर्जेनिक लेबल वाला सनस्क्रीन खरीदें। साथ जिंक ऑक्साइड वाले सनस्क्रीन्स में भी एलर्जी का खतरा कम होता है।
सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं ब्यूटी के लिए भी परफेक्ट है अदरक
एक्ने :- अगर आपकी स्कन में एक्ने प्रोन हैं तो कई सनस्क्रीन आपकी इस समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं। ेसे में अगर अपनी स्किन को बचाना है तो नॉन कॉमेडोजेनिक और नॉन ऑइली सनस्क्रीन आपके लिए परफेक्ट रहेंगे। वहीं आपके लिए एक और टिप, बॉडी सनस्क्रीन अक्सर काफी हैवी होते हैं इसलिए इसे फेस पर इस्तेमाल करने से बचें।
आंखों में इरिटेशन :- सभी को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि बॉडी सनस्क्रीन का फेस पर इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है। अगर कभी आंखो में यह चला जाता है तो आंखो में दर्द, जलन और इरिटेशन की समस्या पैदा हो जाती है। इससे तेज लाइट्स में आंखे खोलने में समस्या भी पैदा हो सती है। वहीं यह ब्लाइंडनेस का भी कारण बन सकता है। यदि गलती से आपकी आंखों में सनस्क्रीन चला जाए तो इसे तुरंत ठंडे पानी से धो देना चाहिए।
ब्रैस्ट कैंसर :- कभी कभी सनस्क्रीन इतने हानिकारक होते हैं जिससे ब्रैस्ट सैल्स पर एस्ट्रोजेनिक इफैक्ट पड़ता है। वहीं यह भी सलाह दी जाती है कि बच्चों की बॉडी में सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योकि उनकी सॉफ्ट स्किन होती है जो कि कैमिकल जल्दी ऑब्जर्व कर लेती है। ऐसे में यह हानिकारक हो सकता है।
सिर्फ ये फल ही नहीं इसके छिलके भी हैं गुणकारी
इसमें टेटासाइक्लिन, सल्फा ड्रग्स जैसे कैमिकल पाए जाते हैं इसलिए इसे इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. सनस्क्रीन को हमेशा शरीर के खुले भाग में ही लगाना चाहिए।
2. घर से बाहर निकलने से करीग आधे घंटे पहले इसको अपने शरीर पर लगाना चाहिए।
3. अबर स्वीमिंग या एक्सरसाइज कर रहे हैं तो इसे खत्म करने के बाद फिर से सनस्क्रीन लगाएं।
4. अगर आप कहीं अंदर भी बैठे हैं जैसे ऑफिस या घर जब भी 4-5 घंटो के अंतराल में सनस्क्रीन लगाएं।