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जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति

चंद्र पर्वत से ऊपर उठकर कोई रेखा सूर्य पर्वत तक पहुंच जाए तो जातक को विदेश यात्रा के दौरान धन संपत्ति और मान सम्मान की प्राप्ति भी होती हैं वही शनि पर्वत अशुभ स्थिति में हो तो कुछ कार्यों से स्वयं का अहित हो सकता हैं। वही शनि पर्वत मध्यमा उंगली के नीचे होता हैं वही शनि पर्वत पर चतुष्कोण होने से बुरी संगत दूर होती हैं
जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति

आपको बता दें, कि हस्तशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, वही कनिष्ठिका उंगली के मूल क्षेत्र में उत्पन्न होकर जीवन रेखा तक पहुंचने वाली प्रभाव रेखाएं जातक के जीवन में यथोचित समय आने पर विदेश जाने का अवसर देती हैं।जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति वही चंद्र क्षेत्र और चंद्र पर्वत से निकलकर कोई निर्दोष और स्पष्ट रेखा अगर बुध क्षेत्र अथवा पर्वत की ओर पहुंचती हो तो जातक निश्चयपूर्वक अपने जीवनकाल में विदेश यात्रा अथवा यात्राएं करता हैं वही अगर शुक्र पर्वत के मूल में कोई रेखा जीवन रेखा की ओर से आकर मिलती हो और दूसरी शाखा रेखा चंद्र पर्वत की ओर जाती हैं तो जातक अनेक वर्षों तक दूरस्थ देशों में प्रवासी जीवन जीता हैं। जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थितिअगर चंद्र पर्वत से ऊपर उठकर कोई रेखा सूर्य पर्वत तक पहुंच जाए तो जातक को विदेश यात्रा के दौरान धन संपत्ति और मान सम्मान की प्राप्ति भी होती हैं वही शनि पर्वत अशुभ स्थिति में हो तो कुछ कार्यों से स्वयं का अहित हो सकता हैं। वही शनि पर्वत मध्यमा उंगली के नीचे होता हैं वही शनि पर्वत पर चतुष्कोण होने से बुरी संगत दूर होती हैं वही ऐसे चतुष्कोण से मनुष्य समाज के कल्याण के लिए कार्य करने लगता हैंजीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति

वही मस्तिष्क रेखा अधिक लंबी हो तो मानसिक रूप से असंतोश उत्पन्न हो सकता हैं वही यह स्थिति निराशा भी बढ़ी सकती हैं वही अगर इस रेखा पर चतुष्कोण बन जाए तो मनुष्य निराशा से बाहर आ सकता हैं साथ ही मानसिक रूप से संतुष्टि भी मिलती हैं। वही हृदय रेखा पर चतुष्कोण होने से मनुष्य में मनोबल अधिक होता हैं। जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति

चंद्र पर्वत से ऊपर उठकर कोई रेखा सूर्य पर्वत तक पहुंच जाए तो जातक को विदेश यात्रा के दौरान धन संपत्ति और मान सम्मान की प्राप्ति भी होती हैं वही शनि पर्वत अशुभ स्थिति में हो तो कुछ कार्यों से स्वयं का अहित हो सकता हैं। वही शनि पर्वत मध्यमा उंगली के नीचे होता हैं वही शनि पर्वत पर चतुष्कोण होने से बुरी संगत दूर होती हैं जीवन में निराशा बढ़ाती है ऐसी स्थिति

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