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ऐसे लोगो का होता है अपने ही परिवार में दोबारा जन्म, जानें इस राज को

जयपुर। हिन्दू धर्म में पूर्वजन्म पर विश्वास किया जाता है। हिन्दू धर्म में कर्म के आधार पर मृत्यु के बाद अगले जन्म की सुख शांति को माना जाता है। उसी के आधार पर भगवान अगले जन्म में उसे परिवार व सगे सम्बन्धी देता है। इसलिए कहा जाता है कि अच्छे कर्म करें जिससे अगले जन्म
ऐसे लोगो का होता है अपने ही परिवार में दोबारा जन्म, जानें इस राज को

जयपुर। हिन्दू धर्म में पूर्वजन्म पर विश्वास किया जाता है। हिन्दू धर्म में कर्म के आधार पर मृत्यु के बाद अगले जन्म की सुख शांति को  माना जाता है। उसी के आधार पर भगवान अगले जन्म में उसे परिवार व सगे सम्बन्धी देता है। इसलिए कहा जाता है कि अच्छे कर्म करें जिससे अगले जन्म में किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पडें। हमारे कर्म की हमारे भविष्य के साथ साथ अगले जन्म तक चलते हैं।

ऐसे लोगो का होता है अपने ही परिवार में दोबारा जन्म, जानें इस राज को

  • अगर किसी व्यक्ति की जन्मपत्रिका में बृहस्पति लग्न में स्थित है तो ऐसे लोगो का जन्म किसी के आशीर्वाद से या श्राप के फलस्वरूप हुआ होता है, जिसके आधार पर उसे सुख और दुःख मिलता हैं।
  • अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति ग्रह द्वितीय या अष्टम भाव में स्थित है तो व्यक्ति अपने पूर्वजन्म में संत महात्मा होता है। जिसके कारण वह वर्तमान में भी धार्मिक प्रवृत्ति का होता है उसका जन्म किसी अच्छे परिवार में होता है।

ऐसे लोगो का होता है अपने ही परिवार में दोबारा जन्म, जानें इस राज को

  • अगर गुरु तीसरे भाव में स्थित हैं तो व्यक्ति का जन्म किसी महिला के आशीर्वाद या श्राप के होता है, इसके साथ ही वह महिला वर्तमान जन्म वाले परिवार की ही होती है।
  • अगर कुंडली के चौथे भाव में बृहस्पति स्थित है तो व्यक्ति की पूर्वजन्म उसी परिवार में होता है, वो किसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए दोबारा उस परिवार में जन्म लेता है उद्देश्य की पूर्ति होने के बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

ऐसे लोगो का होता है अपने ही परिवार में दोबारा जन्म, जानें इस राज को

  • अगर कुंड़ली में गुरु ग्रह का स्थान नवम भाव में है तो पितरों की कृपा उनके आशीर्वाद को दिखाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में त्याग व ब्रह्म ज्ञान की प्रवृत्ति वाला होता है।

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