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छात्र-छात्राओं में होने वाले प्यार का ये होता है सच, जानिये इसके वैज्ञानिक कारण

जयपुर। किशोरावस्था में हर किसी पहली पहली मोहब्बत होती है। और ऐसा कोई शख्स नही जिसे कॉलेज में प्यार नहीं हुआ होगा। कई लोगों ने इस खूबसूरत एहसास को बहुत ही अच्छे से महसूस भी किया होगा। लेकिन क्या आप किशोरावस्था में होने वाली मोहब्बत के वैज्ञानिक सच जानते हो? आपके नें तो सोचा भी
छात्र-छात्राओं में होने वाले प्यार का ये होता है सच, जानिये इसके वैज्ञानिक कारण

जयपुर। किशोरावस्था में हर किसी पहली पहली मोहब्बत होती है। और ऐसा कोई शख्स नही जिसे कॉलेज में प्यार नहीं हुआ होगा। कई लोगों ने इस खूबसूरत एहसास को बहुत ही अच्छे से महसूस भी किया होगा। लेकिन क्या आप किशोरावस्था में होने वाली मोहब्बत के वैज्ञानिक सच जानते हो? आपके नें तो सोचा भी नहीं था कि महोब्बत के पीछे वैज्ञानिक सच भी हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर को विभिन्न मुद्राओं से यह पता चलता है कि आपकी लव स्टोरी कैसी चल रही है। आपको लग रही होगा कि ये कैसे पता किया जा सकता है।छात्र-छात्राओं में होने वाले प्यार का ये होता है सच, जानिये इसके वैज्ञानिक कारण

एक अध्ययन से ये बात सामने आई है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग तथा यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के शोधकर्ताओं ने यह हैरान कर देने वाला शोध किया है। इस अध्ययन में बताया गया है कि लोगों के शरीर की मुद्राओं से उनके रोमांटिक जीवन का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसका मानना है कि इन दोनों तथ्यों के बीच एक मजबूत संबंध पाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस रूमानी शोध के लिए कॉलेज के उन छात्र-छात्राओं को चुना गया जो काफी वक्त से प्यार के अटूट बंधन में थे।छात्र-छात्राओं में होने वाले प्यार का ये होता है सच, जानिये इसके वैज्ञानिक कारण

शोधकर्ताओं ने इन छात्र-छात्राओं को विभिन्न तरह से अलग-अलग जगहों पर बैठने को कहा गया। कुछ को सामान्य कुर्सियों पर तो आधों को कार्यस्थल पर बैठने के लिए कहा गया था। इस अध्ययन के दौरान छात्रों ने अपने साथियों से रिश्तों के बारे में बातचीत की और साथ ही अपने रिश्ते को लेकर काफी सवाल भी एक दूजे से पूछे। शोधकर्ताओं ने नतिजों में पाया कि कुर्सी पर स्थिर रूप से बैठने वालों की तुलना में जो लोग क्लासरूम में यूंही बिना किसी औपचारिकता से बैठे थे, उनका रोमांटिक जीवन बेहद उथल-पुथल भरा रहा था। शोधकर्ताओं ने इस शोध से 80 प्रतिशत तक यह किशोरावस्था के प्यार को समझाने में कामयाबी हासिल की है।छात्र-छात्राओं में होने वाले प्यार का ये होता है सच, जानिये इसके वैज्ञानिक कारण

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