जयपुर। रैगिंग के खत्म हो जाने की बात बरसों से कही जा रही है। सरकारी से लेकर प्राइवेट शिक्षण संस्थान हर कोई अपने संस्थान में इस चीज़ का पोस्टर टांगा हुआ दिखाई देता है कि उसके संस्थान में रैगिंग नहीं होती है और उसका संस्थान पूरी तरह से रैगिंग फ्री है।
लेकिन कहीं ना कहीं से रैगिंग की खबरें आ ही जाती है और उससे परेशान छात्र द्वारा कई बार खुद की जान दे देनी की बात भी सामने आती रहती है।
आंध्र प्रदेश के कुर्नूल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर के छात्र के द्वारा कथित रूप से रैगिंग से परेशान होने की वजह से फांसी से लटक कर जान देने की खबर सामने आई है।
आंध्र प्रदेश के ही कडापा शहर के अरविंदनगर के रहने वाले 20 साल के कोमा हर्ष परनीथ रेड्डी की लाश, पंखे से लटकी हुई उसके ही कॉलेज के हॉस्टल में पाई गई।
घटना के बार में जानकारी देते हुए हॉस्टल में रहने वाले उसके दोस्तों ने बताया कि 5 जुलाई की रात 11 बजे वो लोग रेड्डी के कमरे में किसाबों के सिलसिले में गए थे। कमरे का दरवाज़ा बाहर से लगा था, जिसे खटखटाने के बाद भी अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई।
काफी देर तक खटखटाने के बाद जह रेड्डी ने गेट नहीं खोला तो उसके दोस्तों ने देखा कि रेड्डी ने खुद को फांसी लगी ली है। आनन-फानन में उसके दोस्त उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
रेड्डी के दोस्तों ने ही पुलिस और कॉलेज प्रशासन को इस घटना की जानकारी दी। लेकिन जो रेड्डी के पिता का कहना है उसके मुताबिक उनका बेटा लगातार अपने सीनियर्स के द्वारा ली जा रही रैगिंग से परेशान था।
रेड्डी के पिता ने कहा..
मेरा बेटा एक संवेदनशील व्यक्ति था, लेकिन डरपोक नहीं। उसने मुझे कई बार कॉल करके बताया था कि हास्टल और कॉलेज में सीनियर्स द्वारा उसकी रैगिंग ली जा रही है। मैं उसे सांत्वना देता था कि कॉलेजों में रैगिंग की घटनाएं बहुत आम हैं और उसे सलाह देता था कि वो उसे गंभीरता से ना ले, बल्कि अपने करियर पर ध्यान दें। मैंने इस बात की शिकायत कॉलेज प्रशासन से दो बार की भी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
हालांकि कॉलेज प्रशासन रैगिंग के आरोपों का बचाव कर रहा है। कॉलेज प्रशासन के हिसाब से रेड्डी के पिता ने किसी तरह की शिकायत कॉलेज से की ही नहीं और उन्हें रैगिंग के बारे में कुछ नहीं पता है। फिलहाल कुर्नूल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।