स्ट्रेस हार्मोन करते हैं हमारे बॉडी क्लॉक को प्रभावित
जयपुर । आज कल हर कोई तनाव भरी जिंदगी जी रहा है । इतना ही नही खाते समय तनाव , उठते समय तनाव , सोते समय तनाव सांस लेते समय तनाव । तनाव ने हमारा जीवन ही हमसे छिन लिया है । कई कई लीग तो ऐसे भी हैं जो तनाव के चलते अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे हैं ।
आज हम बात कर रहे हैं स्ट्रेस हारमोन के बारे में । हमात्रे अंदर कई तरह के हारमोन पाये जाते हैं जो सबसे ज्यादा एक्टिव होता हाइओ व्यक्ति उसी तरह से रिएक्ट करने लगता है यदि किसी का हेप्पी हारमोन ज्यादा एक्टिव होता है तो वह इंसान खुश नजर आता है । ऐसे ही स्ट्रेस हारमोन भी हमारे लिए काम करता है ।
स्ट्रेस हॉर्मोन्स से जुड़ी एक नई स्टडी में सामने आया है कि स्ट्रेस हॉर्मोन्स केवल हमारी नींद और बायॉलजिकल क्लॉक को ही प्रभावित नहीं करते हैं बल्कि हमारे बॉडी टेंप्रेचर को मेंटेन करने में भी इनकी बड़ी भूमिका होती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे शरीर की इंटरनल क्लॉक वंशानुगत और अलग-अलग जीन्स द्वारा कंट्रोल की जाती है। इन जीन्स को क्लॉक जीन्स के नाम से जाना जाता है। ये जीन्स मुख्य रूप से मस्तिष्क के तथाकथित suprachiasmatic nucleus area में सक्रिय रहते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, खास बात यह है कि ब्रेन का यह हिस्सा डायरेक्ट न्यूरॉन्स से जुड़ाव नहीं रखता है। रिसर्चर्स का कहना है कि ब्रेन के इस हिस्से की यही विशेषता इस रिसर्च के प्रति हमारी जिज्ञासा को कहीं अधिक बढ़ाती है। लैब टेस्ट में यह बात सामने आई कि सर्कैडियन रिद्म को स्ट्रेस हार्मोन, कॉर्टिकोस्टेरोन द्वारा नियंत्रित किया जाता है।