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जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानी

बेहद सुंदर चमकीले चंद्रमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं चंद्रमा अन्य देवताओं के समान ही पूज्यनीय माना जाता हैं ज्योतिष में तो चंद्रमा का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता हैं दिन रात, महीना साल, प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पूर्णिमा सब तिथियां चंद्रमा पर ही निर्भर करती हैं। चंद्रमा की उतरती और चढ़ती कलाओं से ही तिथियों का आती हैं।
जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानी

मनुष्य के जीवन में ज्योतिषशास्त्र और ग्रहों का विशेष महत्व होता हैं वही बेहद सुंदर चमकीले चंद्रमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं चंद्रमा अन्य देवताओं के समान ही पूज्यनीय माना जाता हैं ज्योतिष में तो चंद्रमा का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता हैं दिन रात, महीना साल, प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पूर्णिमा सब तिथियां चंद्रमा पर ही निर्भर करती हैं। जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानीचंद्रमा की उतरती और चढ़ती कलाओं से ही तिथियों का, महीनों के कृष्ण और शुक्ल पक्षों का निर्धारण ​किया जाता हैं यहां तक की कुंडली भी चंद्रमा की दशा के मुताबिक ही बनती हैं जिस भाव में चंद्रमा होता हैं उसी के मुताबिक जातक की चंद्र राशि बनती हैं वही वेदों में चन्द्र को मन का कारक माना जाता हैं तो आज हम आपको हिंदू धर्म पुराणों के आधार पर बताने जा रहे हैं कि चंद्रमा की उत्पत्ति कैसे हुई, तो आइए जानते हैं।जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानी

वही अग्नि पुराण के मुताबिक जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो सबसे पहले मानस पुत्रों को बनाया। उनमें से एक मानस पुत्र ​ऋषि अत्रि का विवाह ऋषि कर्दम की कन्या अनुसुइया से हो गया और चंद्रमा उन्हीं की संतान माने जाते हैं। पद्म पुराण के मुताबिक ब्रह्मा ने अपने मानस पुत्र अत्रि को सृष्टि का विस्तार करने की आज्ञा प्रदान की उनकी आज्ञा का पालन कर महर्षि अत्रि ने एक तप प्रारंभ किया। जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानीतप काल में एक दिन महर्षि की आंखो से जल की कुछ बूंदें। गिरी जो बहुत ही प्रकाशमय थी। वही तब दिशाओं ने स्त्री रूप में आकर पुत्र प्राप्ति की इच्छा से उन बूंदों को ग्रहण कर लिया। मगर उन बूंदों को दिशाएं धारण न रख सकी और उन्हें त्याग दिया। उस त्यागे हुए गर्भ को ब्रह्मा ने चंद्रमा के नाम से प्रख्यात किया। स्कन्द पुराण के मुताबिक देवों और असुरों ने मिलकर जब सागर मंथन किया तब चौदह रत्न निकले थे। चंद्रमा उन्हीं चौदह रत्नों में से एक हैं।

बेहद सुंदर चमकीले चंद्रमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं चंद्रमा अन्य देवताओं के समान ही पूज्यनीय माना जाता हैं ज्योतिष में तो चंद्रमा का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता हैं दिन रात, महीना साल, प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पूर्णिमा सब तिथियां चंद्रमा पर ही निर्भर करती हैं। चंद्रमा की उतरती और चढ़ती कलाओं से ही तिथियों का आती हैं। जानिए चंद्रमा ग्रह के बनने की रोचक कहानी

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