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कोविड से बिगड़ते हालात पर Sri Lanka ने तेज किया टीकाकरण

श्रीलंका ने अपने कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम को तेज कर दिया है क्योंकि महामारी की वजह से दिन-प्रतिदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं और इस बीमारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। मंगलवार सुबह तक, श्रीलंका में कुल 145,202 कोविड -19 के मामले सामने आए हैं और 981
कोविड से बिगड़ते हालात पर Sri Lanka ने तेज किया टीकाकरण

श्रीलंका ने अपने कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम को तेज कर दिया है क्योंकि महामारी की वजह से दिन-प्रतिदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं और इस बीमारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। मंगलवार सुबह तक, श्रीलंका में कुल 145,202 कोविड -19 के मामले सामने आए हैं और 981 मौतें दर्ज हुई हैं।

मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण, श्रीलंका को अस्पताल के बिस्तरों के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों सहित चिकित्सा संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए, श्रीलंका सरकार ने द्वीप-व्यापी यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था जो 13 मई से लागू था और सोमवार तड़के इसे हटा लिया गया।

हालांकि, टीकाकरण केंद्रों को कार्य करने की अनुमति दी गई और टीकाकरण के लिए उत्सुक लोग सुविधा का फायदा लेते देखे गए।

श्रीलंका अलग-अलग ब्रांडों के कोविड-19 टीकों का उपयोग कर रहा है।

हालांकि विदेशों से बड़ी संख्या में मंगाए गए टीकों को समय पर वितरित नहीं किया जा सका, इसलिए कार्यक्रम गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।

8 मई से सरकार ने कोलंबो के दक्षिण में, सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक, कालूतारा में चीनी सिनोफार्म वैक्सीन का उपयोग करना शुरू किया।

तब से सिनोफार्म देश में इस्तेमाल होने वाला मुख्य टीका बन गया है।

दवा उत्पादन, आपूर्ति और विनियमन राज्य मंत्री चन्ना जयसुमना ने टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारंभ पर कहा कि सिनोफार्म जैब्स श्रीलंका सरकार को वर्ष के अंत तक कम से कम 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

श्रीलंका का टीकाकरण कार्यक्रम वर्तमान में मुख्य रूप से पश्चिमी प्रांत के सबसे गंभीर रूप से प्रभावित जिलों जैसे कोलंबो, गमपाहा और कलुतारा में चल रहा है।

इन क्षेत्रों में लगभग 40 टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।

चिकित्सा अधिकारी दम्मिका आदिकारीवाटेज ने सिन्हुआ को बताया कि नए मामलों की संख्या में तेज वृद्धि के कारण जनता पहले की तुलना में टीकाकरण के लिए अधिक उत्सुक है।

टीकाकरण के इच्छुक लोगों को मौके पर ही फॉर्म भरना होता है, जिसे बाद में कर्मचारियों द्वारा चेक किया जाता है। यह एक धीमी प्रक्रिया है, जिसमें अधिकांश लोगों को कई घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक 16 मई तक 13.15 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

इनमें से 375,000 को सिनोफार्म वैक्सीन दी गई है।

–आईएएनएस

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