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मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी

द्रौपदी महाभारत की मुख्य चरित्र थी। द्रौपदी पांचों पांडव की पत्नी थी। मगर क्या आप इसके अलावा द्रौपदी के रहस्यों के बारे में जानते हैं अगर नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं द्रौपदी के विधवा होने से लेकर पांडवों की पत्नी होने तक की कहानी, द्रौपदी को पांचाली के नाम से भी जाना जाता हैं द्रौपदी कान्हा की अतिप्रिय थी।
मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी

द्रौपदी महाभारत की मुख्य चरित्र थी। द्रौपदी पांचों पांडव की पत्नी थी। मगर क्या आपको इसके अलावा द्रौपदी के रहस्यों के बारे में जानते हैं अगर नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं द्रौपदी के विधवा होने से लेकर पांडवों की पत्नी होने तक की कहानी, द्रौपदी को पांचाली के नाम से भी जाना जाता हैं द्रौपदी कान्हा की अतिप्रिय थी। इसी कारण से जब भी द्रौपदी किसी मुसीबत में होती थी। भगवान कृष्ण उन्हें बचाने आ जाते थे। मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदीमहाभारत की कथाओं के मुताबिक द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री थी। मगर उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं बल्कि हवन कुंड से हुआ था। राजा द्रुपद ने ज्ञानी और तपस्वी दो ब्राह्माण भाइयों याज और उपयाज के निर्देश पर दिव्य हवन का आयोजन किया। मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदीवही क्योंकि द्रुपद एक ऐसे पुत्र की प्राप्ति चाहते थे जो कौरवों और पांडवों के गुरु, गुरु द्रोणाचार्य का वध कर सकें। इस हवन के दौरान राजा द्रुपद को पुत्र और पुत्री दोनों की प्राप्ति हुई जिनका नाम धृष्टद्युमन और द्रौपदी रखा गया।मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी

वही भविष्य पुराण की कथा में इस बात का भी उल्लेख हैं कि पूर्वजन्म में द्रौपदी एक ब्राह्मण की पुत्री थी। इनके पति की मृत्यु हो जाने के चलते इन्हें वैधव्य का सामना करना पड़ता था। द्रौपदी ने ब्राह्माणों और साधुओं की बड़ी सेवा की थी। साधुओं की कृपा से इन्होंने स्थाली दान व्रत किया था।मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी इस व्रत से उन्हें यह वरदान मिला कि वह देवी लक्ष्मी के समान होंगी। वही पूर्वजन्म में अल्पायु में ही विधवा हो जाने के चलते द्रौपदी ने ऋषियों की सलाह पर महादेव की तपस्या करना शुरू कर दिया। भगवान शिव ने द्रौपदी की तपस्या से प्रसन्न होकर दर्शन दिया और वरदान मांगने को कहा। द्रौपदी ने वरदान के तौर पर ऐसा पति मांगा जो किसी एक पुरुष में गुध मिलना आसान नहीं था। इस वरदान के चलते द्रौपदी अगले जन्म में पांच पतियों की पत्नी बनी।मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी

द्रौपदी महाभारत की मुख्य चरित्र थी। द्रौपदी पांचों पांडव की पत्नी थी। मगर क्या आप इसके अलावा द्रौपदी के रहस्यों के बारे में जानते हैं अगर नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं द्रौपदी के विधवा होने से लेकर पांडवों की पत्नी होने तक की कहानी, द्रौपदी को पांचाली के नाम से भी जाना जाता हैं द्रौपदी कान्हा की अतिप्रिय थी। मां के गर्भ से नहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थी द्रौपदी

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