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हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म

हिंदू धर्म के मुताबिक हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा दिन मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था वही हनुमान जी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे और मां अंजनी थी। वही भगवान हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता हैं। उनके पिता
हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म

हिंदू धर्म के मुताबिक हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा दिन मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था वही हनुमान जी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे और मां अंजनी थी। वही भगवान हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता हैं। उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं।हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म

आपको बता दें,कि पुंजिकस्थली देवराज इन्द्र की सभी में एक अप्सरा थी। वही एक बार जब दुर्वासा ऋषि इन्द्र की सभी में उपस्थित थें तब अप्सरा पुंजिकस्थली बार बार अंदर बाहर आ जा रही थी। वही इसी बात पर क्रोधित होकर ऋष्ज्ञि दुर्वासा ने उन्हें वानरी हो जाने का शाप दे दिया था। पुंजिकस्थली ने क्षमा याचना की, तो ऋषि ने अपनी इच्छानुसार रूप धारण करने का वरदान भी उन्हें प्रदान कर दिया।हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म वही कुछ सालों के बाद पुंजिकस्थली ने वानर श्रेष्ठ विरज की पत्नी के गर्भ से वानरी रूप में जन्म लिया और उनका नाम अंजनी रखा गया। वही विवाह योग्य होने जाने पर पिता ने अपनी सुंदर पुत्री का विवाह एक महान पराक्रमी कपि शिरोमणी वानरराज केसरी से कर दिया था। वही तब इसी रूप में पुंजिकस्थली माता अंजनी कहलाइ। हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्मवही वानरराज केसरी प्रभास तीर्थ के घूमते हुए पहुच गए। और देखा कि बहुत से ऋषि वहा पर आए हुए हैं कुद साधु किनारे पर आसन लगाकर पूजा अर्चना कर रहे थे उसी वक्त वहां एक हाथी आ गया और वह ​ऋषियों को मारना प्रारंभ कर दिया। वही यह देख केसरी ने हाथी को बलपूर्वक उसे बड़े बड़े दांत उखाड़ दिए और फिर उसे मार डाला वही हाथी के मार जाने पर ऋषि बहुत ही प्रसन्न हुए और ऋ​षियों ने कहा, वरदान मांगो वानरराज।हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म वही केसरी ने वरदान मांगा, प्रभु इच्छानुसार रूप धारण करने वाला, पवन के समान पराक्रमी और रुद्र के समान पुत्र आप मुझे प्रदान करें। ऋषियों ने तथास्तु कहा और वे वहा से चले गए। वही जिसके बार केसरी के घर में भगवान रुद्र ने स्वयं ही अवतार लिया और वह पवनपुत्र हनुमान कहलाए। हनुमान जयंती 2019: जानिए ​कैसे हुआ श्री हनुमान जी का जन्म

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