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आईएसएल के पांचवें सीजन में आई स्पेनिश क्रांति

फुटबाल की हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) पर स्पेन का बड़ा असर रहा है। आईएसएल का पहला खिताब स्पेनिश कोच एंटोनियो हबास ने जीता था, जो स्पेनिश क्लब एटलेटिको डी मेड्रिड का हिस्सा रह चुके हैं। स्पेनिश लीग के पूर्व विजेता ने पहले सीजन में एटलेटिको डी कोलकाता को खिताब दिलाया और इस टीम ने
आईएसएल के पांचवें सीजन में आई स्पेनिश क्रांति

फुटबाल की हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) पर स्पेन का बड़ा असर रहा है। आईएसएल का पहला खिताब स्पेनिश कोच एंटोनियो हबास ने जीता था, जो स्पेनिश क्लब एटलेटिको डी मेड्रिड का हिस्सा रह चुके हैं। स्पेनिश लीग के पूर्व विजेता ने पहले सीजन में एटलेटिको डी कोलकाता को खिताब दिलाया और इस टीम ने पहले तीन सीजन में दो खिताब अपने नाम किए थे। पहले सीजन में फ्रांस के खिलाड़ी ज्यादा थे। इसके बाद ब्राजीलियाई खिलाड़ियों ने धूम मचाई। पांचवें सीजन में बेंगलुरू एफसी और एफसी गोवा फाइनल में रविवार को एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे, जहां स्पेन का बोलबाला देखने को मिलेगा।

स्पेन का लीग पर असर हर सीजन के बाद बढ़ता जा रहा है। बेंगलुरू और गोवा में यह साफ तौर पर दिखाई देता है। फाइनल में दो स्पेनिश कोच होंगे जिनके बीच बार्सिलोना कनेक्शन है। गोवा के कोच सर्जियो लोबेरा और बेंगलुरू के कोच कार्लोस कुआड्राट, दोनों बार्सिलोना में साथ रहे हैं।

इन दोनों का सपोर्ट स्टाफ भी काफी हद तक स्पेन का है। लोबेरा के पास हमवतन जीसस टाटो हैं जो एफसी पुणे सिटी का हिस्सा रह चुके हैं। वहीं मैनयुएल सायाबेरा भी उनके साथ हैं। कुआड्राट के कोचिंग स्टाफ में स्पेन के जेरार्ड जारागोजा, जेवियर पिनिलोस और मिकेल गुइलेन उनकी मदद कर रहे हैं।

17 मार्च को मुंबई में होने वाले आईएएसएल फाइनल में स्पेन के खिलाड़ियों की कमी नहीं होगी। मुकाबले में फेरान कोरोमिनास, ईदू बेदिया, कार्लोस पेना, दिमास डेल्गाडो, लुइस्मा, एलेक्स बारेरा, अल्बर्ट सेरान, सिसको हर्नाडेज और जुआनन खेलेंगे। यह सभी स्पेन के खिलाड़ी हैं।

दोनों टीमों ने जब खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को चुना तो स्पेन के लोगों पर ज्यादा ध्यान दिया। बेंगलुरू की टीम में छह स्पेनिश खिलाड़ी हैं जबकि गोवा में इससे आधे स्पेनिश खिलाड़ी हैं। गोवा की टीम में स्पेन के ही मिग्युएल पालांका थे जो प्राथमिक टीम में जगह बना पाने में असफल रहने के बाद घर लौट गए।

दोनों क्लबों ने स्पेनिश शैली को बीते सीजन ही अपना लिया, जहां लोबेरा पहली बार गोवा से जुड़े थे तो वहीं बेंगलुरू के पास स्पेन के ही अल्बर्ट रोका थे।

सिर्फ बेंगलुरू और गोवा ने ही नहीं स्पेनिश शैली को लागू किया है बल्कि जमशेदपुर एफसी के पास भी स्पेन के लोग हैं। सीजर फर्नाडो की टीम में कई स्पेनिश खिलाड़ी हैं।

दिल्ली डायनामोज ने भी इस सीजन स्पेन के जोसेफ गोम्बाउ को अपना कोच नियुक्त किया है। उन्हें हालांकि, अपेक्षित परिणाम नहीं मिले लेकिन उनकी खेलने की शैली ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

रविवार को आईएसएल में कोई भी टीम खिताब जीते, इसके लिए उसे स्पेन के प्रभाव को शुक्रिया कहना होगा, चाहे वो मैदान के अंदर हो या बाहर।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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