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UP Legislative Council में कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने किया ‘वाकआउट’

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कृषि मंडी संशोधन अधिनियम में संशोधन कर मंडियों की उपयोगिता कम करने के संबंध में दी सूचना पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मंगलवार को सदन से बहिर्गमन किया। शून्य प्रहर में सपा सदस्यों ने उत्तर प्रदेश कृषि मंडी संशोधन अधिनियम, 2018 के द्वारा संशोधन
UP Legislative Council में कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने किया ‘वाकआउट’

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कृषि मंडी संशोधन अधिनियम में संशोधन कर मंडियों की उपयोगिता कम करने के संबंध में दी सूचना पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मंगलवार को सदन से बहिर्गमन किया। शून्य प्रहर में सपा सदस्यों ने उत्तर प्रदेश कृषि मंडी संशोधन अधिनियम, 2018 के द्वारा संशोधन करके मंडियों की उपयोगिता कम करने के संबंध में कार्यस्थगन की सूचना दी।

सूचना की ग्रा’ता पर सपा के डॉ. संजय लाठर, रामू वालिया एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने विचार व्यक्त किए। सपा सदस्यों ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय अपनी पार्टी से जुड़े खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “सरकार किसानों की हितैषी है। उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। हम मंडियों के पास ही कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मंडी शुल्क शून्य कर दिया है। इसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचौलियों को नहीं।”

नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा कि यह तीनों कृषि कानून किसान विरोधी नहीं, बल्कि किसानों के दुश्मन हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और किसानों के साथ न्याय करे।

कृषि मंत्री शाही ने कहा कि सरकार किसानों की हितैषी है। किसानों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। यह उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होंगे। बिचौलियों को हटाने की योजना तो पिछली सरकारों ने बनाई थी। सरकार तो उन्हीं की योजना को आगे बढ़ा रही है। योगी सरकार आने के बाद प्रदेश में एक भी मंडी बंद नहीं हुई है और ना ही आगे बंद होगी।

उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि सदन में गलत तथ्य पेश किए गए हैं, जब ये लोग सदन में गलत बात रख रहे हैं तो किसानों को भी इन्होंने ही बरगलाया है। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर सरकार पर किसान विरोधी होने के नारे लगाए और सदन से वाकआउट किया।

कांग्रेस के दीपक सिंह ने प्रदेश के युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। दीपक सिंह ने कहा प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है, युवाओं को रोजगार दिलाने और मंहगाई कम करने की बात तो लगातार कर रही है, लेकिन ना तो युवाओं को रोजगार मिल रहा है और ना ही मंहगाई पर अंकुश लग रहा है।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार बनी थी तब बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी जबकि 2019 में प्रदेश में यह दर 9.97 हो गई। यह आंकड़े कोरोना कल के पहले के हैं। अब तो यह दर और भी बढ़ गई है।

नेता सदन ने कहा, “ऐसा नहीं है। प्रयास जारी है। हमने पिछली सरकारों से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार दिया है।”

शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, वाराणसी को विवेचना में दोषी पाए जाने पर शासन द्वारा कार्रवाई कराए जाने का मामला उठाया। सभापति ने सरकार को प्रकरण की जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई कराए जाने के निर्देश दिए।

निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल ने नीलकंठ ग्रुप हाइवे, गोर्वधन चौराहा, मथुरा के बिल्डर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाने की मांग की।

नेता सदन ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। अधिष्ठाता सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सपा के नरेश चंद्र उत्तम, आशुतोष सिन्हा, आनंद भदौरिया, लाल बिहारी यादव एवं अन्य सदस्यों ने शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों को मात्र दस हजार रुपये मानदेय देकर आत्महत्या को मजबूर कर रही है।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस

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