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तो इस तरह से अपने घर की छत पर कर पाएंगे खेती जानियें

जयपुर। अब तक आपने अपनी घरों की छतों पर सिर्फ घूमने फिरने या सोने के काम ही किया है। लेकिन अब आप अपने घरों की छतों पर खेती भी कर सकते हैं। जी हां, चौकिंये मत यह सच है। गलों की सब्जियां खाने के बजाये आप अपने घर में अपनी द्वारा उगाई गई सब्जियों का
तो इस तरह से अपने घर की छत पर कर पाएंगे खेती जानियें

जयपुर। अब तक आपने अपनी घरों की छतों पर सिर्फ घूमने फिरने या सोने के काम ही किया है। लेकिन अब आप अपने घरों की छतों पर खेती भी कर सकते हैं। जी हां, चौकिंये मत यह सच है। गलों की सब्जियां खाने के बजाये आप अपने घर में अपनी द्वारा उगाई गई सब्जियों का उपयोग कर सकते है। इससे आपको घर का वातावरण भी शुद्ध रहेगा और साथ ही आपको साफ सुथरी सब्जियां भी खाने को मिलेगी। बात दे कि यह अनोखा विचार और शोध जयपुर के एक निजी विश्वविद्यालय के कृषि केन्द्र में किया गया है।तो इस तरह से अपने घर की छत पर कर पाएंगे खेती जानियें

इस यूनीवर्सिटी के एग्रीकल्चर सेंटर के कृषि विशेषज्ञ अभिषेक शर्मा पिछले एक साल से इस तरह की अभिनव वर्टिकल खेती पर अनुसंधान कर रहे हैं और सफलता भी हासिल कर ली है। अभिषेक के शोध में नतीजे काफी अच्छे मिले हैं। इस प्रकार की तकनीक से घर की छतों पर कृषि की जा सकती है। साथ ही वर्टिकल खेती से लोग अपने दैनिक उपभोग करने लायक सब्जियां उगा कर उपयोग कर पाएंगे। कृषि विशेषज्ञ अभिषेक शर्मा बताया कि इसके लिए मिट्टी और तेज धूप की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। बता दे इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक तकनीक कहा जाता है। इस तकनीक की मदद से घर की छत पर कम पानी और मिट्टी के फसल उगाई जाती है।तो इस तरह से अपने घर की छत पर कर पाएंगे खेती जानियें

इस तरह से उगाई गई फसल बिना किसी हानिकारक रासायनिक खाद के अच्छी तरह से वृद्धि करती है। इस शोध के लिए विश्वविद्यालय की बहुमंजिला इमारत की छत पर पॉली कॉबरेनेट की मदद से एक छोटा सा खेत तैयार किया गया है। बताया गया है कि इस हाइड्रोपोनिक तकनीक की खास बात यह है कि ऐसी खेती में तापमान 25 डिग्री से 30 डिग्री के बीच ही चाहिए होता है। शोध केंद्र में इस रेंज में तापमान को नियंत्रित करने पर काफी काम किया है इसके बाद ही शोधकर्ताओँ को इसमें काफी अच्छे परिणाम भी मिले हैं।तो इस तरह से अपने घर की छत पर कर पाएंगे खेती जानियें

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