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तो यह उपग्रह बाहरी अंतरिक्ष के जो मंगल के गुरूत्वकर्षण के अधीन हो गये

जयपुर। हमारे सौरमंडल में कई करोंड़ो छोटे बड़े ग्रह और हर ग्रह की एक खासियत है। इंसानों ने कई ग्रहों को अपना देवता भी माना हुआ है। और इनकी पूजा भी करते है। इसी तरह से मंगल के दो उपग्रह है एक नाम फोबस है और दूसरे का नाम डीमोस ये बहुत ही छोटे ग्रह
तो यह उपग्रह बाहरी अंतरिक्ष के जो मंगल के गुरूत्वकर्षण के अधीन हो गये

जयपुर। हमारे सौरमंडल में कई करोंड़ो छोटे बड़े ग्रह और हर ग्रह की एक खासियत है। इंसानों ने कई ग्रहों को अपना देवता भी माना हुआ है। और इनकी पूजा भी करते है। इसी तरह से मंगल के दो उपग्रह है एक नाम फोबस है और दूसरे का नाम डीमोस ये बहुत ही छोटे ग्रह है। बता दे कि फोबस को भय का देवता माना जाता है और डीमोस मंगल का छोटा और बाह्य उपग्रह है। यह सौरमंडल के सबसे छोटे उपग्रहो मे से गिने जाते है।तो यह उपग्रह बाहरी अंतरिक्ष के जो मंगल के गुरूत्वकर्षण के अधीन हो गये

इसकी कक्षा मंगल के केंद्र से  23459 किमी है तथा इसका व्यास  12.6 किमी है और इस उपग्रह का द्रव्यमान 1.8e15 किग्रा आंका गया है। ग्रीक मिथको के अनुसार माना जाता है कि यह उपग्रह डीमोस मंगल और शुक्र का बेटा है। बता दे कि डीमोस का ग्रीक मे अर्थ होता है आकस्मिक भय। और ग्रीक लोगों द्वारा इसके पूजा भी जाता है। जानकारी के लिए बता दे कि इसकी खोज 12 अगस्त 1877 मे हुई थी। और वायकिंग-1 यान के द्वारा  1977 मे इसकी पहली तस्वीरे ली गई थी।तो यह उपग्रह बाहरी अंतरिक्ष के जो मंगल के गुरूत्वकर्षण के अधीन हो गये

फोबोस और डीमोस दोनो कार्बनिक पदार्थो से भरपूर है। लेकिन इनका घनत्व बुहत कम है। इसी कारण से यह चट्टानी नही हो सकते है। वैज्ञानिकों ने पता किया है कि शायद ये चट्टान और बर्फ के मिश्रण से बने हो सकते है लेकिन पक्का नहीं कह सकते है। बता दे कि इन दोनो की सतह पर क्रेटरो की भरमार है। डीमोस शायद बाह्य सौर मंडल के क्षुद्रग्रह है जो मंगल ग्रह द्वारा अपने गुरुत्वाकर्षण द्वारा पकड़े गये हो सकते है। डीमोस मंगल यात्रा के लिये एक अंतरिक्ष केन्द्र के रूप मे प्रयोग किये जा सकते है।तो यह उपग्रह बाहरी अंतरिक्ष के जो मंगल के गुरूत्वकर्षण के अधीन हो गये

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