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लोगों में धरती की कक्षा को लेकर है कई भ्रम

जयपुर। ऋतुओं को लेकर लोगों में कई भ्रम फैले हुये है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हम धरती के बारे में बहुत ही कम जानते है। इसमें भी कई लोगों में तो भ्रम है और वो उसी में ही जीते है एक गलत जानकारी को लेकर कई मिथ्य है। इसी मिथ्य में
लोगों में धरती की कक्षा को लेकर है कई भ्रम

जयपुर। ऋतुओं को लेकर लोगों में कई भ्रम फैले हुये है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हम धरती के बारे में बहुत ही कम जानते है। इसमें  भी कई लोगों में तो भ्रम है और वो उसी में ही जीते है एक गलत जानकारी को लेकर कई मिथ्य है। इसी मिथ्य में शामिल है  बहुत से लोग मानते है कि ग्रीष्म ऋतु मे पृथ्वी सूर्य के समीप हो जाती है जिससे मौसम उष्ण हो जाता है। इसके विपरीत शीत ऋतु मे पृथ्वी सूर्य से दूर होती है जिससे मौसम शीतल हो जाता है लेकिन यह सच नहीं हैलोगों में धरती की कक्षा को लेकर है कई भ्रम

सतही तौर पर यह सच भी लगता है लेकिन यह गलत है सच है कि पृथ्वी की कक्षा पूर्ण वृत्त ना होकर दिर्घवृत्ताकार है जिसके चलते वर्ष के कुछ समय पृथ्वी सूर्य के समीप होती है और कुछ समय सूर्य से दूर हो जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी की जब उत्तरी गोलार्ध मे शीत ऋतु होती है तो उस समय पृथ्वी सूर्य के निकट होती है और सूर्य से दूर वाली स्तिथि मे उत्तरी गोलार्ध मे ग्रीष्म ऋतु होती है।लोगों में धरती की कक्षा को लेकर है कई भ्रम

जानकारी के लिए बता दे कि धरती सूर्य से निकटतम स्थति मे दूरी 14.71 करोड़ किमी की होती है जबकी दूरस्थ स्थति में दूरी 15.21 करोड़ किमी होती है अगर इन दोनों स्थिति मे अंतर किया जाये तो लगभग 60 लाख किमी का आता है जो इस पैमाने पर नगण्य माना जा सकता है और वह पृथ्वी पर मौसम पर कोई प्रभाव डाल सकें। तो इस तरह से सर्दि गर्मी बारिश की ऋतु धरती पर आती है और इसको ध्रुवों पर एक ही समान मौसम रहता है।लोगों में धरती की कक्षा को लेकर है कई भ्रम

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