तो अब इसरो बनायेगा स्पेस सोलर सेल तकनीक बचेंगे कई करोड़ रूपये
जयपुर। इसरो ने मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना को बढ़ाते हुये अमेरिका से स्पेस सोलर सेल्स की तकनीक खरीदी है। इसरो ने कहा है कि इनकी मदद से अब भारत में ही सोलर सेल बनाए जाएंगे। और इसको अच्छी तकनीक से तैयार कर सोलर सेल स्पेस में सैटेलाइट को पावर देने का काम करेंगे। इसरो के चेयरमैन के. सिवान का बताया कि अभी तक सैटेलाइट्स में लगाने के लिए यूएस की प्राइवेट कंपनियों से सोलर सेल्स खरीदे जाते थे। इसका इजात करना बहुत ही कठिन तकनीक है और इसे हमारे लिए निर्यात करना काफी महंगा पड़ता है।
इसके लिए पहले यूएस पर ही निर्भर रहना पड़ता था और समस्या तो यह आती थी कि हम अधिक सेल्स नहीं ले सकते थे। अगर सोलर सेल्स के निर्यात पर ही रोक लग जाये तो सैटेलाइट प्रोग्राम थम सकते है। इसी वजह से हमनें इस तकनीक को खरीदने का फैसला किया गया। ताकि अपने ही देश में सोलर सेल्स बनाए जा सकें। इस इससे आने वाली खरीदने की कई दिक्कते भी कम हो जायेगी। इसको अमेरिका से लाने में करोड़ों का खर्च आता था तो अब यह दिक्कत नहीं आयेगी। सिवान ने इसका जानकारी देते हुये कहा कि 10 हजार सोलर सेल के लिए 15 करोड़ रुपये तक का खर्चा आता था।
अगर यह देश में ही इजात कर ली जाये तो इनकी कीमत कई गुना तक कम हो जाएगी। सिवान इसको बनना का कॉन्ट्रैक्ट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को दिया गया है। यह कंपनी वैज्ञानिकों की देखरेख में बंगलूरू में सेल्स तैयार करेगी। आपको बता दें यदि यह सेल्स न हों तो सैटेलाइट स्पेस में किसी काम की नहीं रहती है। जानकारी दे दे कि जब सैटेलाइट स्पेस में पहुंचती है तो दो सोलर पैनल विंग्स ओपन हो जाते हैं और इन पर मौजूद सोलर सेल सूरज की रौशनी से पावर जेनरेट कर सैटेलाइट तक पहुंचाते हैं और इससे यान को ऊर्जी मिलती है जिससे वो आराम से काम करता है।