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तो जानिये कैसे हुआ ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण

जयपुर। ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण कैसे हुआ यह महाविस्फोट के सिद्धांत के साथ सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। बिग बैंग सिद्धांत को पहले कोई नहीं मानता था लेकिन समय के साथ और कई शोध के बाद इसकी मान्यता मिली है लेकिन इसको सटिक रूप में नहीं माना जा सकता है। इससे जुड़े कई सवाल है
तो जानिये कैसे हुआ ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण

जयपुर। ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण कैसे हुआ यह  महाविस्फोट के सिद्धांत के साथ सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। बिग बैंग सिद्धांत को पहले कोई नहीं मानता था लेकिन समय के साथ और कई शोध के बाद इसकी मान्यता मिली है लेकिन इसको सटिक रूप में नहीं माना जा सकता है। इससे जुड़े कई सवाल है जो आज तक समझ नहीं आये है। बिग बैंग सिद्धांत हर दिशा मे समान रूप से वितरित ब्रह्माण्ड मे तारों, आकाशगंगाओं जैसे ब्रह्मांडीय पिण्डों के निर्माण की व्याख्या नही कर पाता है।तो जानिये कैसे हुआ ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण

इसका सवाल है कि ब्रह्मांडीय पदार्थ ने गुच्छे के रूप मे जमा होना कैसे और क्यों प्रारंभ किया ? अगर सैद्धांतिक रूप से देखा जाये तो इसे एक सपाट समान रूप से वितरित ब्रह्मांड मे हर कण पर हर दिशा मे समान रूप से गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव होना चाहीये, जिससे ब्रम्हांड को यथास्थिति मे रहना चाहिये। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी अज्ञात कारण से शुरुवाती गुरुत्वाकर्षण के कारण पदार्थ का गुच्छो के रूप मे बंधना शुरू हुआ और आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ।

तो जानिये कैसे हुआ ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण

वैज्ञानिकों बताया कि भौतिक  विज्ञानियों के अनुसार श्याम पदार्थ -विम्प इसका हल है। विम्प साधारण बार्योनिक पदार्थ के साथ केवल गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रतिक्रिया देता है जो कि श्याम पदार्थ आकाशगंगा के निर्माण मे बीज का कार्य कर सकता है। आकाशगंगा के निर्माण का कोई पूर्ण सफल मॉडल तैयार नही किया गया है लेकिन एक सफल मॉडल के लिए आकाशगंगा के निर्माण के लिए बड़ी मात्रा मे नान-बार्योनिक श्याम पदार्थ का होना आवश्यक होता है।तो जानिये कैसे हुआ ब्रह्मांडीय पिण्डो का निर्माण

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