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तो किस प्रकार से हम प्रतिब्रह्माण्ड को ब्रह्माण्ड के बारे में समझा सकते है

जयपुर। कई वैज्ञानिक प्रति ब्रह्मांड के बारे में अगल अगल बाते कह कह रहे है। क्या आपको पता है कि इस दिलचस्प प्रश्न का उद्भव किसने किया था? हम आपको बताते है कि नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक रिचर्ड फेनीमन ने इन ब्रह्माण्डो से संबधित बात करते करते इस एक मनोरंजक प्रश्न पूछा था कि मान लिजिए की हमने
तो किस प्रकार से हम प्रतिब्रह्माण्ड को ब्रह्माण्ड के बारे में समझा सकते है

जयपुर। कई वैज्ञानिक प्रति ब्रह्मांड के बारे में अगल अगल बाते कह कह रहे है। क्या आपको पता है कि इस दिलचस्प प्रश्न का उद्भव किसने किया था?  हम आपको बताते है कि नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक रिचर्ड फेनीमन ने इन ब्रह्माण्डो से संबधित बात करते करते इस एक मनोरंजक प्रश्न पूछा था कि मान लिजिए की हमने किसी दिन इन दूरस्थ ग्रह के परग्रहीयो से रेडीयो संपर्क स्थापित कर भी लिया है लेकिन हम उन्हे देख नही सकते है और यह भी नहीं जानते है कि वो जीव पदार्थ से निर्मित है या प्रतिपदार्थ से।तो किस प्रकार से हम प्रतिब्रह्माण्ड को ब्रह्माण्ड के बारे में समझा सकते है

तो क्या हम इन परग्रहीयो को रेडीयो के द्वारा बायें तथा दा्यें के मध्य अंतर समझा सकते है या नहीं? इसके समझने के लिए भौतिकी के नियम विपरीत P ब्रह्माण्ड के लिए समान रहते है तभी यह असंभव है। रिचर्ड के मुताबिक कुछ तथ्यो को समझाना आसान है, जैसे हमारे शरीर। इनके द्वारा शायद हम परग्रहीयो को रसायनशास्त्र और जीवशास्त्र के नियम समझा सकते है। लेकिन ऐसा करने पर भी हम बायें या दा्यें के सिद्धांत को समझाने का प्रयास में असफल रहेंगे। लेकिन सभी लोगों की धारणाओं को गलत साबित करते हुये कोलंबीया विश्व विद्यालय के सुंग दाओ ली और चेन निंग यांग  ने एक सिद्धांत दिया।तो किस प्रकार से हम प्रतिब्रह्माण्ड को ब्रह्माण्ड के बारे में समझा सकते है

इनके अनुसार प्रस्तावित किया कि कमजोर नाभिकिय बल P सममिती को नही मानता है इसका मतलब है कि कमजोर नाभिकिय बल के कारण ब्रह्माण्ड अपनी दर्पण प्रतिकृति ब्रह्माण्ड से भिन्न होगा तो रेडीयो सक्रिय केन्द्रको को चुंबकिय क्षेत्र मे एक पंक्ति से लगा दिया जिससे वे सभी एक ही दिशा मे घुर्णन करेंगे। इसका मानना है कि प्रतिपदार्थ से बना ब्रह्मांड सामान्य ब्रह्मांड से भिन्न व्यवहार करेगा।तो किस प्रकार से हम प्रतिब्रह्माण्ड को ब्रह्माण्ड के बारे में समझा सकते है

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