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तो इस कारण से एक ही गाने को कई बार सुनते हैं हम

जयपुर। सबको गाने सुनने का शौक होता है तो आपने कभी आपने इस बात पर नोट किया है कि किसी खास गाने का इतना खुमार चढ़ जाता है कि कई दिनों तक वही गाना बार-बार सुनते रहते हैं और हर वक्त बस उसे ही गुनगुनाते रहते हैं। आप वैसे तो इस बात को बहुत ही
तो इस कारण से एक ही गाने को कई बार सुनते हैं हम

जयपुर। सबको गाने सुनने का शौक होता है तो आपने कभी आपने इस बात पर नोट किया है कि किसी खास गाने का इतना खुमार चढ़ जाता है कि कई दिनों तक वही गाना बार-बार सुनते रहते हैं और हर वक्त बस उसे ही गुनगुनाते रहते हैं। आप वैसे तो इस बात को  बहुत ही सामान्य मानते हो लेकिन बता दे कि यह एक विशेष मानसिक अवस्था होती है। लंदन के गोल्डस्मिथ कॉलेज की म्यूजिक साइकॉलजी रिसर्चर डॉ. विकी विलियमसन ने इस विषय पर कहा कि इस परिस्थिति को स्टक-सॉन्ग सिंड्रोम,तो इस कारण से एक ही गाने को कई बार सुनते हैं हम

स्टिकी म्यूजिक या कॉग्निटिव इच भी कहते हैं। आम बोल चाल में इसे ईयरवर्म यानी कान का कीड़ा भी कहते हैं। बता दे कि विलियमसन ने ऑनलाइन सर्वे किया जिसमें 2500 लोगों शामिल थे। रिसर्च के दौरान एक अजीब सा सबंध पाया गया कि जब भी कोई नया गाना रिलीज होता है तो हर जगह टीवी रेडियो इंटरनेट पर बस वही गाना सुनाई देता है। इस तरह से बार-बार हर जगह हमारा दिमाग उस गाने से एक जुड़ाव महसूस करने लगता है। तो वैज्ञानिकों ने इसके बारे में कहा कि ईयरवर्म जैसी मानसिक स्थिति का सबसे बड़ा कारण किसी एक ही म्यूजिक कातो इस कारण से एक ही गाने को कई बार सुनते हैं हम

बार-बार सुनाई देना होता है। इस शोध से ये भी ज्ञाक हुआ है कि इस तरह से एक ही गाने को पसंद करने का दूसरा कारण तनाव भी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर आप रिश्तों में अलगाव या प्यार में बेवफाई से गुज़र रहे हैं तो उस वक्त हमारे दिमाग में सिर्फ सैड सॉन्ग्स ही चलते हैं इस समय में गानों को हम खुद को भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ पाते हैं। इसी तरह से इस बारे में तंत्रिका विज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर आपको इस समस्या से निजात पानी है तो अपने दिमाग को किसी और काम में लगा सकते हैं।तो इस कारण से एक ही गाने को कई बार सुनते हैं हम

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