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तो इस कारण से प्रकाश में आता है विचलन, जानियें

जयपुर। सर आइजैक न्युटन को कौन नहीं जानता है। आपको शायद पता नहीं होगा कि वो प्रकाश के गुणधर्मो को समझने वाले प्रथम मानवो मे से एक थे। उन्होने ही सबसे पहले बताया था कि प्रकाश नन्हे कणो से बना है। न्युटन ने इस नन्हे कणों को कारपस्लस नाम दिया था। लेकिन आधुनिक विज्ञान इन कणों
तो इस कारण से प्रकाश में आता है विचलन, जानियें

जयपुर। सर आइजैक न्युटन को कौन नहीं जानता है। आपको शायद पता नहीं होगा कि  वो प्रकाश के गुणधर्मो को समझने वाले प्रथम मानवो मे से एक थे। उन्होने ही सबसे पहले बताया था कि प्रकाश नन्हे कणो से बना है। न्युटन ने इस नन्हे कणों को कारपस्लस  नाम दिया था। लेकिन आधुनिक विज्ञान इन कणों को एब फोटान कहते है। न्युटन ने प्रकाश के बारे में बताया था कि काला रंग अर्थात रंगो की अनुपस्थिति होती है, इसी तरह से सफ़ेद रंग अर्थात इसके विपरित सभी रंगो की उपस्थिति होती है। सफ़ेद रंग का प्रकाश तारों से उत्पन्न होता है।तो इस कारण से प्रकाश में आता है विचलन, जानियें

बता दे कि जब इस श्वेत प्रकाश को किसी प्रिज्म मे से गुजारा जाता है तो वह कई रंगो मे बंट जाता है। खगोलियविद किसी तारे से उत्सर्जित प्रकाश के रंगो के अध्ययन से उस ग्रह की संरचना, तापमान तथा विकास मे उस पिंड की वर्तमान स्थिति ज्ञात करते हैं। न्युटन की इस खोज ने भौतिकी मे एक क्रांति ला दी थी। अगर हम प्रकाश के बारे मे बात करते है तो क्रिस्चियन डाप्लर को कभी नहीं भुलते है आपको बता दे कि न्युटन के कार्य पर आधारित एक और कार्य को देखेंगे जोकि न्युटन की मृत्यु के सैकड़ो वर्ष पश्चात आये थे।तो इस कारण से प्रकाश में आता है विचलन, जानियें

डाप्लर एक विशेष खोज की थी जिसे हम  डाप्लर प्रभाव कहते है। यह प्रभाव बताता है कि प्रकाश का  तरंगदैर्ध्य  मे विचलन कैसे होता है। इस तरंगदैर्ध्य मे यह विचलन दर्शाता है कि प्रकाश पास आ रहा है या दूर जा रहा है। इसका मतलब है कि यह यदी प्रकाश दूर जा रहा है तो प्रकाश तरंग मे फ़ैलाव आयेगा और वह लाल दिखाई देगा इसका कारण है कि उसका लाल तरंगदैर्ध्य अधिक है। इसी तरह से जब प्रकाश निकट आ रहा है तो प्रकाश तरंग मे संकुचन होगा और वह नीला दिखाई देगा क्योंकि नीले रंग का तरंगदैर्ध्य कम है।तो इस कारण से प्रकाश में आता है विचलन, जानियें

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