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कोरोना महामारी के बीच सोना, सिगरेट, शराब की तस्करी बढ़ी

मौजूदा कोरोना संकट के बीच भारत में सोना, सिगरेट और शराब जैसी उच्च कर वाली चीजें तस्करी किए जाने वाले सामानों की सूची में सबसे ऊपर है। महामारी के बीच इन सामानों की तस्करी में न केवल जबरदस्त वृद्धि देखी गई बल्कि तस्करों ने, दिलचस्प रूप से कोविड-19 विशेष ट्रेनों के जरिए अवैध रूप से
कोरोना महामारी के बीच सोना, सिगरेट, शराब की तस्करी बढ़ी

मौजूदा कोरोना संकट के बीच भारत में सोना, सिगरेट और शराब जैसी उच्च कर वाली चीजें तस्करी किए जाने वाले सामानों की सूची में सबसे ऊपर है।

महामारी के बीच इन सामानों की तस्करी में न केवल जबरदस्त वृद्धि देखी गई बल्कि तस्करों ने, दिलचस्प रूप से कोविड-19 विशेष ट्रेनों के जरिए अवैध रूप से सिगरेट की तस्करी की।

इस तरह की तस्करी की गई वस्तुओं की जब्ती के एक अध्ययन के आधार पर इस तथ्य का खुलासा करते हुए, फिक्की की समिति कैस्केड (कमिटी अगेंस्ट स्मगलिंग एंड काउंटरफीटिंग एक्टिविटीज डिस्ट्राइंग द इकॉनमी) ने कहा कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक सप्ताह से कम समय में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिगरेट की तस्करी संबंधी दो प्रमुख जब्ती की, जहां तस्कर अवैध रूप से सिगरेट की खेप की तस्करी के लिए कोविड-19 विशेष ट्रेनों का इस्तेमाल कर रहे थे।

अध्ययन में कहा गया है कि ये बरामदगी या जब्ती विदेशी सिगरेट तस्करी रैकेट के दो अन्य प्रमुख गुटों से हुई है, इनमें पहला मुंबई और दूसरा हैदराबाद में है। इसने कहा कि बरामद सिगरेटों की कुल मूल्य 15 करोड़ रुपये से अधिक है।

अध्ययन में कहा गया कि इस महीने की शुरुआत में केरल हवाईअड्डा प्राधिकरण और तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर कस्टम ने क्रमश: 1.5 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये के सोने जब्त किए।

अध्ययन का अनुमान है कि तस्करी के कारण 2017-18 में अकेले पांच उद्योग क्षेत्रों में 16 लाख से अधिक नौकरियां चली गईं। इसने कहा, “बेरोजगारी और बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान के अलावा, यह अपराध और आतंकवाद की फंडिंग कर अस्थिरता भी लाता है।”

इस खतरे के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने के लिए, फिक्की कैस्केड इस चुनौती को कम करने के तरीकों पर भारत के कई राज्यों में सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संवाद करती रही है।

संगठन ने नीति निर्माताओं से भी अपील की है कि अवैध व्यापार को राष्ट्रीय खतरा माना जाए।

फिक्की ने हालिया बरामदगी के लिए प्रवर्तन एजेंसियों की सराहना करते हुए सरकार से माल की तस्करी पर सतर्कता बनाए रखने का आग्रह किया है।

संगठन ने कहा, “अवैध व्यापार हमारे देश के सामने सबसे खतरनाक चुनौतियों में से एक के रूप में उभरा है, विशेष रूप से वर्तमान महामारी के दौरान जो आर्थिक संकट का कारण बना है। यह सोने, सिगरेट, शराब जैसे माल की तस्करी के कई मामलों के मद्देनजर आता है, जो कोविड-19 महामारी के बीच दर्ज हुआ है।”

फिक्की कैस्केड के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को सफल बरामदगी के लिए बधाई देते हुए कहा, “अवैध व्यापार के अपराधी हमेशा अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिस्टम को धोखा देने के लिए अलग तरीके की ताक में रहते हैं।”

उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्र के आर्थिक हितों को गहरा धक्का पहुंचता है और समाज भारी कीमत चुकाता है। प्रवर्तन अधिकारियों के हालिया प्रयास प्रशंसनीय हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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