धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बढ़ जाता है इनफर्टिलिटी का खतरा
जयपुर। धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ये तो सभी जानते है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसके बारे में बताया है कि धूम्रपान करने से पुरूषों में खतरे तो होते ही है साथ ही महिलाओं में भी धूम्रपान करने से बांझ होने का खतरा 60 % तक बढ़ जाता हैं।
बांझपन का मतलब मूलरूप से संतानोत्पत्ति की स्थायी अक्षमता को कहा जाता है। इसका कारण केवल महिला ही नहीं होती है। इसके लिए पुरूष को उतना ही जिम्मेदार माना जाता है। केवल एक तिहाई मामलों में अनुर्वरता स्त्री के कारण होती है। दूसरे एक तिहाई में पुरूष के कारण होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान करने वाले लोगों में शुक्राणुओं की कम गतिशीलता और अन्य समस्याओं के होने की संभावनाएं अधिक होती है जो उनकी फर्टीलिटी को कठिन बनाती हैं। धूम्रपान में पाये जाने वाले हानिकारक तत्व शुक्राणु को नुकसान पहुंचाते है, इसी कारण निषेचन की संभावना कम हो जाती है।
धूम्रपान करने वालों में भ्रूण के जीवित रहने की संभावना इसलिए कम रहती है क्योंकि धूम्रपान करने से शुक्राणुओं से विकसित भ्रूण के डीएनए में क्षति हो जाती है। इसी साथ ही धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।
अधिकतर क्रोमोसोम में क्षति पहुंचने के लिए धूम्रपान को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। जिसके कारण शुक्राणु में डीएनए फ्रैगमेंटेशन हो सकता है। इस सारी समस्याओं से बचने के लिए विशेषज्ञ बताते है कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वस्थ आहार लें साथ ही नियमिन रूप से मेडिटेशन और योग को अपनी दिनचर्या से जोड़े।