आपकी छींक भी बन सकती है स्लीप डिस्क का कारण
जयपुर। आपके साथ कभी ऐसा हुआ होगा कि आप किसी चीज को उठा रहे हो और आपकों कमर या किसी और जगह मोच आ गइ हो, इसे ही स्लीप डिस्क कहा जाता है। डॉक्टर के अनुसार यदि स्लीप डिस्क की बात की जाये तो यह कोई बीमारी नहीं होती है वरन शरीर की मशीनरी में तकनीकी खराबी को स्लीप डिस्क कहा जाता है।
डिस्क का बाहरी हिस्सा एक मजबूत झिल्ली से बना होता है और बीच में तरल जैलीनुमा पदार्थ होता है। कई बार ऐसा होता है कि ये तरल पदार्थ उम्र के साथ—साथ सूखने लगता है या फिर ऐसा भी हो सकता है कि जैलीनुमा पदार्थ निकलकर नसों पर दबाव बनाने लगता है।
जिसकी वजह से पैरों में दर्द या सुन्न होने की समस्या होती है। विशेषज्ञ इसके होने को कारणों में बताते है कि ये समस्या अधिकतर तब होती है जब लोग गलत पोशचर को अपना लेते हैं।
लेट कर या झुक कर काम करने के साथ ही कम्प्यूटर के आगे ज्यादा देर तक बैठना इसका कारण हो सकता है। अत्यधिक शारीरिक श्रम, गिरने, फिसलने, दुर्घटना में चोट लगने, देर तक ड्राइविंग करने से भी डिस्क पर प्रभाव पड सकता है। इसके अलावा भी वैज्ञानिक बताते है कि स्लीप डिस्क अक्सर छींक के आ जाने पर हो सकता है।
क्योंकि एक जोर की छींक पूरे शरीर को हिला देती है। छींक आने पर डॉक्टर सलाह के अनुसार पीठ व कमर सीधी रखें, संभव हो तो अपना एक हाथ कमर पर रखें, इससे रीढ़ पर दबाव कम होगा।