शारदीय नवरात्रि: देवी स्कंदमाता की पूजा करें इस आरती से
जयपुर। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। देवी के पांचवे स्वरुप यानी स्कंदमाता की पूजा की जाती है। देवी स्कंदमाता की एक भुजा में कमल और दूसरी भुजा में घंटी और एक में कमंडल और एक भुजा से आशीर्वाद की मुद्रा में बैठी हुई हैं। इनकी गोद में इनका पुत्र कार्तिकेय है।
जय तेरी हो स्कंदमाता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सबके मन की जाननहारी
जगजननी सबकी महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्टदत्यज बचढ़कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘भक्त’ की आस पुजाने आई