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Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि

व्रत त्योहारों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज स्कंद षष्ठी का व्रत किया जा रहा हैं आज के दिन भगवान कार्तिकेय का व्रत और पूजन होता हैं भगवान कार्तिकेय शिव और देवी मां पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं इस दिन विधि विधान के साथ पूजा करने से जातक के जीवन
Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि

व्रत त्योहारों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज स्कंद षष्ठी का व्रत किया जा रहा हैं आज के दिन भगवान कार्तिकेय का व्रत और पूजन होता हैं भगवान कार्तिकेय शिव और देवी मां पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधिइस दिन विधि विधान के साथ पूजा करने से जातक के जीवन की हर परेशानियां और कठिनाईयां दूर हो जाती हैं साथ ही जो लोग व्रत करते है उन्हें सुख और वैभव भी प्राप्त होता हैं मान्यता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत संतान के कष्टों को कम करने और उसके सुख की कामना के लिए भी किया जाता हैं Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि यह व्रत खासतौर से दक्षिण भारत में मनाया जाता हैं भगवान कार्तिकेय को स्कंद देव भी कहा जाता हैं। ऐसे में इस तिथि को स्कंद षष्ठी के नाम से जानते हैं तो आज हम आपको इस व्रत की सम्पूर्ण विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि

हिंदू मान्यताओं के मुताबिक अगर सच्चे मन से स्कंद षष्ठी व्रत किया जाए तो उसे माता पार्वती और भगवान कार्तिकेय दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं इस दिन पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से जातक को लंबी उम्र और प्रतापी संतान की प्राप्ति होती हैंSkanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि

जानिए स्कंद षष्ठी व्रत की सम्पूर्ण पूजन विधि—
स्कंद षष्ठी पर सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें। सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान आदि करें। साफ वस्त्र धारण करें। फिर सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। घर के मंदिर में माता गौरी और शिव के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा रखें। उन्हें जल, मौसमी फल, पुष्प, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र अर्पित करें। भगवान कार्तिकेय की आरती करें साथ ही माता गौरी और शिव की भी आरती करें। फिर शाम के वक्त भगवान का भजन कीर्तिन करें। इसके बाद आरती करें और फलाहार करें।Skanda shashti 2021: आज स्कंद षष्ठी पर इस तरह करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानिए सम्पूर्ण विधि

 

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