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कल से श्राद्ध पक्ष हो रहें हैं शुरु, अगले 16 दिन रहेंगे ‘पितृ-आराधना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ

जयपुर। इस साल 25 सितंबर के दिन से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृपक्ष के सोलह दिन केवल पितरों को समर्पित होते हैं। इन 16 दिनों में कोई भी मांगलिक काम नहीं किया जाता है। केवल 16 दिन पितरों के लिए श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में
कल से श्राद्ध पक्ष हो रहें हैं शुरु, अगले 16 दिन रहेंगे ‘पितृ-आराधना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ

जयपुर। इस साल 25 सितंबर के दिन से श्राद्ध  पक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृपक्ष के सोलह दिन केवल पितरों को समर्पित होते हैं। इन 16 दिनों में कोई भी मांगलिक काम नहीं किया जाता है। केवल 16 दिन पितरों के लिए श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में पितरों को याद करने से पितर देव प्रसन्न होते हैं। इनका आशीर्वाद मिलने से घर में आ रही सारी परेशानी का अंत होता है।

कल से श्राद्ध पक्ष हो रहें हैं शुरु, अगले 16 दिन रहेंगे ‘पितृ-आराधना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ

शास्त्रों में पितरों के निमित्त तर्पण करने से व ब्राह्मणों को दान व भोजन कराने से पितर प्रसन्न होते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में ब्राहमणों को भोजन कराने का भी विधान होता है, लेकिन कई लोगों को इस बारे में पता नहीं होता जिस कारण से वे लोग सहीं तरीके से व सही विधान से पितरों के निमित्त ब्राह्ममण भोज नहीं करा पाते। इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण व ब्राह्मण भोज कराने से पितृ तृप्त होते हैं।

कल से श्राद्ध पक्ष हो रहें हैं शुरु, अगले 16 दिन रहेंगे ‘पितृ-आराधना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ

शास्त्रों में माना गया है कि श्राद्ध पक्ष में प्रत्येक व्यक्ति के लिए श्राद्ध कर्म अनिवार्य है, इसका पालन सभी लोगों ने करना चाहिए। इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

कल से श्राद्ध पक्ष हो रहें हैं शुरु, अगले 16 दिन रहेंगे ‘पितृ-आराधना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ

इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष में तर्पण सदैव काले तिल, दूध, पुष्प, कुश, तुलसी, जल व गंगाजल मिश्रित जल से करना चाहिए। तर्पण करने से पितरों को तृप्ती मिलती है। जिससे हमेशा घर परिवार में पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।

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