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क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा

हिंदू धर्म में पूजा पाठ को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही शिव पुराण के मुताबिक श्री विष्णु ने सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा से विभिन्न प्रकार के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी। इसके बाद विश्वकर्मा ने अलग अलग पदार्थों, धातुओं और रत्नों के शिवलिंग निर्मित किए और
क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा

हिंदू धर्म में पूजा पाठ को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही शिव पुराण के मुताबिक श्री विष्णु ने सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा से विभिन्न प्रकार के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी। इसके बाद विश्वकर्मा ने अलग अलग पदार्थों, धातुओं और रत्नों के शिवलिंग निर्मित किए और सभी शिवलिंगों का नाम अलग अलग रखें। क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजाइन अलग अलग शिवलिंगों का महत्व भी विशेष होता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बताने जा रहे है कि असाध्य रोगों से ग्रसित लोगों को भगवान शिव के कौन से शिवलिंग की पूजा करना लाभकारी हो सकता हैं तो आइए जानते हैं।क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार अगर आप या आपका कोई करीबी किसी असाध्य या गंभीर रोगों से ग्रस्त हो गया हैं और काफी इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहा हो तो उसे मिश्री या चीनी से बने शिवलिंग की पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए। इससे लाभ मिलेगा।क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा ऐसी मान्यता है कि मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा करने से रोगों का नाश हो जाता हैं। शिव पुराण के मुताबिक मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा से कई तरह के शारीरिक रोग और पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है इसके नियमित पूजन से असाध्य रोगों से छुटकारा मिलने के साथ साथ प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता हैं।क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा

जानिए पूजन विधि—
भक्त को सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद पूजा की वेदी पर बैठना चाहिए अब पूजा की चौकी पर मिश्री से बनी शिवलिंग को स्थापित करें। उसके बाद शिवलिंग पर शुद्ध जल, बिल्व पत्र और धतूरा आदि अर्पित करें। उसके बाद शिव चालीसा और शिव आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण करें। जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं।क्या आप हैं असाध्य रोगों से ग्रसित, तो करें मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा

 

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