षटतिला एकादशी के दिन करें तिल दान
आपको बता दें कि हर साल माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं, षटतिला एकादशी के दिन व्रत उपवास भी किया जाता हैं अपने नाम के अनुरूप यह व्रत तिलों से जुड़ा होता हैं तिल का महत्व तो सर्वव्यापक होता हैं और हिंदू धर्म में यह बहुत ही पवित्र माना जाता हैं पूजा पाठ में इसका विशेष महत्व होता हैं इस बार षटतिला एकादशी 20 जनवरी को पड़ रहा हैं। वही षटतिला एकादशी के दिन तिलों का 6 तरह से उपयोग किया जाता हैं इसमें तिल से स्नान करना, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन करना, तिल से तर्पा करना, तिल का भोजन करना और तिलों का दान करना शामिल होता हैं इसलिए इसे षटतिला कहा जाता हैं। तो आइए जानते हैं षटतिला एकादशी से जुड़ी कुछ खास बातें।बता दें कि षटतिला एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन किया जाता हैं कुछ लोग बैकुण्ड रूप में भी श्री विष्णु की आराधना करते हैं। एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान श्री विष्णु की पूजा करें और उन्हें पुष्प, धूप आदि अर्पित करें।इस दिन व्रत रखने के बाद रात को भगवान विष्णु की पूजा करें साथ ही रात्रि में जागरण और हवन करें। इसके बाद द्वादशी के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद भगवान श्री विष्णु को भोग लगाएं और पंडितों को भोजन कराने के बाद स्वयं अन्न ग्रहण करें। ऐसी मान्यता हैं कि जो व्यक्ति षटतिला एकादशी के दिन उपवास रखता हैं उस पर भगवान श्री विष्णु की विशेष कृपा होती हैं साथ ही भगवान विष्णु उसके द्वारा अज्ञानतावश की गई सभी गलतियों और पाप को क्षमा कर देते हैं।