शारदीय नवरात्रि: देवी महागौरी की कृपा पाने के लिए पढें इस आरती को
जयपुर। मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी हैं। इन्होंने भगवान शिव के लिए कठोर तप किया जिससे इनका शरीर काला हो गया था। तपस्या पूर्ण होने के बाद मां ने गंगा में स्नान करने के बाद उनका वर्ण गौर हो गया जिसके कारण ये महागौरी कहलाई। देवी महागौरी दुर्गा की आठवी शक्ति के रुप में जानी जाती है।
जय महागौरी जगत की माया
जय उमा भवानी जय महामाया
हरिद्वार कनखल के पासा
महागौरी तेरा वहा निवास
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता
‘भक्त ‘ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो