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जानिए दुर्गा अष्टनमी की तिथि और कन्याा पूजन का सही समय

जयपुर। आज कल जहां पूरे देश में नवरात्रि की धूमधाम है सभी लोग देवी पूजा में लगें हैं। वहीं नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर अब लोग देवी पूजन के साथ साथ कन्या पूजन की भी तैयारी कर रहें हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि
जानिए दुर्गा अष्टनमी की तिथि और कन्याा पूजन का सही समय

जयपुर। आज कल जहां पूरे देश में नवरात्रि की धूमधाम है सभी लोग देवी पूजा में लगें हैं। वहीं नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर अब लोग देवी पूजन के साथ साथ कन्या पूजन की भी तैयारी कर रहें हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा नौ स्‍वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथी पर कन्या पूजन किया जाता है। आज हम इस लेख में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में बता रहें है।

जानिए दुर्गा अष्टनमी की तिथि और कन्याा पूजन का सही समय

जाने कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में
आज कन्‍या पूजन के दो शुभ मुहूर्त हैं-
– पहला सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक
– दूसरा सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक

जानिए दुर्गा अष्टनमी की तिथि और कन्याा पूजन का सही समय
ऐसे करें अष्‍टमी के दिन कन्‍या पूजन
– कन्‍या पूजन के दिन सुबह स्‍नान कर भगवान गणेश और देवी महागौरी की पूजा करें। इसके बाद कन्‍या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्‍याओं के साथ एक बालक को आमंत्रित करें। कन्या पूजन में बालक लंगूरा या बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी के मंदिर के पास ही ज्यादातर बटुक भैरव का मंदिर भी होता है देवी मंदिर के दर्शन के साथ साथ बटुक भैरव के मंदिर के दर्शन करना आवश्यक है।

जानिए दुर्गा अष्टनमी की तिथि और कन्याा पूजन का सही समय
kanya-poojan on durgashtami and navami

– कन्‍या पूजन को आयी कन्या की साफ आसन में बैठा कर पूजा करें उनके पैर धो कर उनकी आरती करें व देवी का आशीर्वाद लें। कन्याओ को रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं। कन्या को हलवा, चना व पूरी का भोग लगाएं व यथाशक्ति भेंट व उपहार दें कर कन्या को विदा करें।

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