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शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

जयपुर। देवी का सातवा स्वरुप कालरात्रि की पूजा करने से अग्निभय, जलभय, रात्रिभय, जन्तुभय दूर करने वाली, काम,क्रोध ओर शत्रुओ का नाश करने वाली, काल का भी विनाश करने के कारण इनका नाम “कालरात्रि” पडा। नवरात्र के सप्तम दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है, देवी का रंग काजल के समान काला है। मां कालरात्रि ने रक्तबीज
शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

जयपुर। देवी का सातवा स्वरुप कालरात्रि की पूजा करने से अग्निभय, जलभय, रात्रिभय, जन्तुभय दूर करने वाली, काम,क्रोध ओर शत्रुओ का नाश करने वाली, काल का भी विनाश करने के कारण इनका नाम “कालरात्रि” पडा।

शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

नवरात्र के सप्तम दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है, देवी का रंग काजल के समान काला है। मां कालरात्रि ने रक्‍तबीज का वध किया था।  इनकी पूजा ज्यादातर तांत्रिक शक्ति के लिए किया जाता है।

शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

माता कालरात्रि के शरीर का रंग काला, इनके बाल बिखरे हुए, गले मे मुण्ड की माला, तीन नेत्र। दाहिना हाथ वारमुद्रा मे, दूसरा हाथ अभय मुद्रा मे है। बाई हाथ मे लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ मे खड्ग धारण किये हुये हैं। इनकी सवारी गर्दभ है।

शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

देवी कालरात्रि शनि ग्रह पर अपना आधिपत्य रखती हैं कुण्डली में शनि ग्रह का संबंध दशम और एकादश भाव से होता है। ग्रह शांति के लिए इनकी पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्र: करें देवी कालरात्रि के दर्शन

माता कालरात्रि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति, दुश्मनो का विनाश होता है। माता भक्तो को सभी प्रकार के भय से मुक्त करने के साथ वाक्सिद्धि ओर बुद्धि बल प्रदान करती है।

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